क्या सरकार तय करेगी 15 अगस्त पर हम क्या खाएंगे? अबू आजमी का बयान

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क्या सरकार तय करेगी 15 अगस्त पर हम क्या खाएंगे? अबू आजमी का बयान

सारांश

अबू आजमी ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध की कड़ी आलोचना की। उनका कहना है कि सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि लोग क्या खाएं। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध की आलोचना
  • सरकार को व्यक्तिगत आज़ादी का सम्मान करना चाहिए
  • किसानों और छोटे व्यापारियों पर नकारात्मक प्रभाव
  • राहुल गांधी का 'वोट चोरी' मुद्दा महत्वपूर्ण है
  • बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने का इरादा

मुंबई, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध के निर्णय की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि लोग क्या खाएं या क्या पहनें।

आजमी ने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता १५ अगस्त १९४७ को मिली थी। हर साल हम आजादी का जश्न मनाते हैं। ऐसे विशेष दिन पर इस तरह की पाबंदियां लगाना अनुचित है। उन्होंने सड़क किनारे मांस बेचने वालों, कबाब बनाने वालों और छोटे व्यापारियों की आजीविका पर इस प्रतिबंध के असर पर चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय का सीधे तौर पर किसानों और होटल व्यवसायियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार जनता के दुख-दर्द से बेखबर है।

राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के मुद्दे की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गहन अध्ययन और संघर्ष के माध्यम से 'वोट चोरी' का पर्दाफाश किया गया है। राहुल गांधी द्वारा शुरू किया गया आंदोलन आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेताओं की चुनावी हार पर सवाल उठाते हुए मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावी घोटाले का आरोप लगाया, साथ ही वोटर लिस्ट को सुधारने की मांग की। आजमी ने कहा कि जब तक वोटर लिस्ट ठीक नहीं होती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

फंड के विषय पर आजमी ने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए १५ करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसके बदले डिप्टी सीएम अजित पवार ने २० करोड़ रुपए देने का वादा किया था। हालांकि, बाद में कहा गया कि सारा पैसा खर्च हो चुका है। आजमी ने अपने क्षेत्र की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चे सुरक्षित रूप से चल भी नहीं सकते। साढ़े तीन साल से नगर निगम के चुनाव नहीं हुए हैं। उनके क्षेत्र को २७ करोड़ रुपए का फंड मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अभी तक हमारा इरादा अकेले बीएमसी चुनाव लड़ने का है। हम १५० सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जिनके साथ गठबंधन होता है, वे चीजों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आपस में लड़ते रहते हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर झगड़ा करते हैं। मुझे लगता है कि देश को बचाने के लिए एक साथ आकर चुनाव लड़ना चाहिए। सभी को सम्मान के साथ बैठकर सीट बंटवारा करना चाहिए। लेकिन, हम लोग अकेले चुनाव लड़ेंगे।

गुजरात उच्च न्यायालय के मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित फैसले पर उन्होंने कहा कि तलाक सहमति से नहीं, बल्कि संघर्ष की स्थिति में होता है। उन्होंने तलाक को एक ऐसी प्रक्रिया बताया, जिसे इस्लाम में नापसंद किया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह मजबूरी बन जाती है। तलाक की प्रक्रिया तीन बार में पूरी होती है और इसके बाद पति-पत्नी का साथ रहना संभव नहीं होता।

अबू आजमी ने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के बयान को चापलूसी भरा करार देते हुए उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए और उनके डीएनए टेस्ट कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने भारत की आजादी की लड़ाई में शहादत दी और अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी। मुस्लिम समुदाय हमेशा देश की रक्षा के लिए खड़ा रहता है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि सरकार को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। अबू आजमी के तर्क इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं। यह आवश्यक है कि जनता की आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों का संरक्षण किया जाए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या अबू आजमी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं?
जी हां, अबू आजमी ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध के निर्णय की कड़ी आलोचना की है।
क्या यह फैसला किसानों पर असर डालेगा?
हाँ, अबू आजमी का कहना है कि इस फैसले का सीधा असर किसानों और छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा।
राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के मुद्दे पर अबू आजमी का क्या कहना है?
उन्होंने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के मुद्दे की सराहना की और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत बताई।
अबू आजमी ने फंड के मुद्दे पर क्या कहा?
उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए १५ करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन कहा गया कि सारा पैसा खर्च हो चुका है।
अबू आजमी का चुनावी रणनीति क्या है?
उन्होंने कहा कि उनका इरादा अकेले बीएमसी चुनाव लड़ने का है।