अधीर रंजन चौधरी ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र क्यों लिखा?

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अधीर रंजन चौधरी ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र क्यों लिखा?

सारांश

अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति से अपील की है कि पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाई जाए। इससे राज्य की संपत्तियों के पंजीकरण में सहारा मिलेगा। जानिए इस मुद्दे की गंभीरता।

Key Takeaways

  • वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण राज्य के लिए आवश्यक है।
  • अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति से समय सीमा बढ़ाने की मांग की।
  • पश्चिम बंगाल में दस्तावेज़ी कमी एक बड़ी चुनौती है।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा उठाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने एक पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि वक्फ संपत्तियों को 'उम्मीद' पोर्टल पर रजिस्टर करने की समयसीमा बढ़ाई जाए, क्योंकि पश्चिम बंगाल इस समय कई समस्याओं का सामना कर रहा है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में देश की सबसे अधिक संख्या में (1.5 लाख से अधिक) वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं। इनमें से अधिकांश संपत्तियों के पास ऐतिहासिक दस्तावेज अधूरे या अनुपलब्ध हैं, जिसके कारण निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी संपत्तियों का पंजीकरण करना लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि यह समस्या पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक गंभीर है।

अपने पत्र में, चौधरी ने विस्तार से बताया कि वक्फ संपत्तियां मुख्य रूप से धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों, शिक्षा, और कब्रिस्तानों के रूप में उपयोग होती हैं। इन संपत्तियों को समुदाय के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की कमी किसी की लापरवाही नहीं, बल्कि इन संपत्तियों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रकृति का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के सदस्यों और संपत्ति प्रबंधकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि पर्याप्त कागजी सबूत न होने के कारण पंजीकरण मानकों को समय पर पूरा करना मुश्किल हो रहा है।

चौधरी ने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में जहां पंजीकरण अपेक्षाकृत सरलता से हो रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल की स्थिति पूरी तरह से भिन्न है। यहां की संरचनात्मक चुनौतियां और दस्तावेजी कमी अधिक गंभीर है, इसलिए राज्य को विशेष राहत मिलनी चाहिए।

उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि पंजीकरण की अंतिम तिथि तब तक बढ़ाई जाए जब तक पश्चिम बंगाल की हर वक्फ संपत्ति 'उम्मीद' पोर्टल पर दर्ज न हो जाए।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति इस गंभीर मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य के हित में समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लेंगी।

उन्होंने इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री को भी पत्र लिखकर समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण एक जरूरी विषय है, जो न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। यह मुद्दा संवेदनशीलता और तात्कालिकता की मांग करता है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण क्यों जरूरी है?
वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण समुदाय की संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक है।
अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति से क्या मांगा?
उन्होंने राष्ट्रपति से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग की।
पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों की स्थिति क्या है?
पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन कई संपत्तियों के दस्तावेज अधूरे हैं।
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