क्या अफ्रीकी मादा चीता और उसके शावक कूनो के जंगल में छोड़े जाएंगे?

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क्या अफ्रीकी मादा चीता और उसके शावक कूनो के जंगल में छोड़े जाएंगे?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में एक महत्वपूर्ण घटना होने जा रही है? अफ्रीकी मादा चीता वीरा और उसके छोटे शावक, जो पहले से ही चर्चा का विषय रहे हैं, को जंगल में छोड़ा जाएगा। यह घटना न केवल चीतों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इकोटूरिज्म को भी बढ़ावा देने का एक सुनहरा अवसर है।

Key Takeaways

  • मादा चीता वीरा और उसके शावक को कूनो में छोड़ा जाएगा।
  • 4 दिसंबर को इंटरनेशनल चीता डे मनाया जाएगा।
  • कूनो में चीतों की संख्या 32 हो गई है।
  • सरकार चीतों की सुरक्षा के लिए रेडियो-ट्रैकिंग का उपयोग कर रही है।
  • यह प्रोजेक्ट इकोटूरिज्म को बढ़ावा देगा।

भोपाल, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साउथ अफ्रीका से आई मादा चीता वीरा (भारतीय नाम) और उसके दो 10 महीने के शावक को गुरुवार को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) के खुले जंगल में एक विशाल बाड़े से मुक्त किया जाएगा।

4 दिसंबर को इंटरनेशनल चीता डे के मौके पर चीतों को एक विशेष आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव जंगल में छोड़ेंगे।

पांच साल की मादा चीता वीरा, जिसे फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से लाया गया था, वह 12 चीतों में से एक थी और उसने इसी साल फरवरी में दो शावकों को जन्म दिया था।

बुधवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव पार्क में नई बनी सोविनियर शॉप का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर प्रोजेक्ट चीता तीन साल पहले मध्य प्रदेश में स्थापित किया गया था, जब उन्होंने 17 सितंबर, 2022 को अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ा था, जिससे इस प्रोजेक्ट को औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया। इसके लिए नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था।

प्रोजेक्ट के तीन साल बाद, कूनो और गांधी सागर सैंक्चुअरी में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।

इस प्रोजेक्ट के सफल सफर में पांच मादा चीतों ने छह बार बच्चे को जन्म दिया है। यह प्रोजेक्ट की सफलता और मजबूती को दर्शाता है, चीतों की न केवल जीवन रक्षा की गई है, बल्कि वे लगातार अपने परिवार भी बढ़ा रहे हैं।

सरकार का कहना है कि इंटरनेशनल चीता डे का मुख्य उद्देश्य चीतों की घटती संख्या, उनके आवास के नुकसान और अवैध शिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, साथ ही उनके संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है।

मध्य प्रदेश के एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेशन ऑफ फॉरेस्ट (एपीसीसीएफ) और लायन प्रोजेक्ट के निदेशक, उत्तम कुमार शर्मा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि चीता परिवार की लगातार निगरानी एडवांस्ड रेडियो-ट्रैकिंग सिस्टम और समर्पित फील्ड टीमों के माध्यम से की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा और जंगल में सफल अनुकूलन सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने आगे बताया कि यह कार्यक्रम कूनो नेशनल पार्क के पारोंड फॉरेस्ट क्षेत्र में होगा, जो एक निर्धारित टूरिज्म क्षेत्र है। इस क्षेत्र में चीता परिवार की मौजूदगी से इकोटूरिज्म के लिए नए अवसर पैदा होने, लोगों की भागीदारी बढ़ने और प्रोजेक्ट चीता में रुचि बढ़ने की उम्मीद है।

Point of View

बल्कि इकोटूरिज्म के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने का एक अवसर है। चीतों की संख्या में वृद्धि और उनके परिवार के विस्तार से यह साबित होता है कि संरक्षण के प्रयास सफल हो रहे हैं।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

कब और कहाँ मादा चीता और शावक को छोड़ा जाएगा?
मादा चीता वीरा और उसके शावक को 4 दिसंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा।
प्रोजेक्ट चीता का उद्देश्य क्या है?
प्रोजेक्ट चीता का उद्देश्य चीतों की संख्या को बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है।
इस प्रोजेक्ट में कितनी चीते हैं?
इस प्रोजेक्ट के तहत कूनो और गांधी सागर सैंक्चुअरी में चीते की संख्या 32 हो गई है।
इंटरनेशनल चीता डे कब मनाया जाता है?
इंटरनेशनल चीता डे 4 दिसंबर को मनाया जाता है।
सरकार ने चीतों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने एडवांस्ड रेडियो-ट्रैकिंग सिस्टम और समर्पित फील्ड टीमों के माध्यम से चीतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।
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