क्या अगरतला में अस्थायी डिटेंशन सेंटर से 12 बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए?

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क्या अगरतला में अस्थायी डिटेंशन सेंटर से 12 बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए?

सारांश

अगरतला के नार्सिंघर क्षेत्र से 12 बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए हैं। यह घटना सुरक्षा चूक को दर्शाती है। जानें इस मामले के पीछे की कहानी और राज्य प्रशासन की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • नार्सिंघर क्षेत्र में सुरक्षा चूक का मामला
  • 12 बांग्लादेशी घुसपैठियों का भागना
  • राज्य प्रशासन द्वारा सर्च ऑपरेशन की शुरुआत
  • अस्थायी डिटेंशन सेंटर की कार्यप्रणाली
  • मानवाधिकारों और सुरक्षा का संतुलन

अगरतला, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा की राजधानी के बाहरी क्षेत्र में स्थित नार्सिंघर का अस्थायी डिटेंशन सेंटर से बारह बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए हैं। ये सभी लोग देश वापस भेजे जाने की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है।

जानकारी के अनुसार, यह घटना 29 सितंबर की रात को उत्तर त्रिपुरा के धर्मनगर उप-जेल से छह कैदियों के भागने के कुछ दिनों बाद हुई। इन कैदियों में बांग्लादेशी घुसपैठिए, नशा तस्कर और एक उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी शामिल थे। उन्होंने जेल गार्ड पर हमला करके भागने में सफलता पाई थी।

सोशल वेलफेयर विभाग के निदेशक तपन कुमार दास ने नार्सिंघर स्थित केंद्र का निरीक्षण करने के बाद बताया कि सभी फरार लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं जिन्होंने अपनी न्यायिक सजा पूरी कर ली थी और अब उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू होनी थी। उन्होंने बताया कि इन लोगों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में लगभग 15 दिन से एक महीने तक रखा जाता है जब तक औपचारिकताएं पूरी नहीं होतीं। 29 सितंबर को कुल 12 बंदी भागने में सफल रहे, जिनमें से अब तक एक को पुनः गिरफ्तार किया गया है।

दास ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल वेलफेयर एंड सोशल एजुकेशन विभाग केंद्र में भोजन, आवास और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जबकि गृह विभाग सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। वर्तमान में नार्सिंघर डिटेंशन सेंटर में कुल 95 बंदी हैं, जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा, यहां 5 नाइजीरियाई और एक फ्रांसीसी नागरिक भी रखे गए हैं।

राज्य प्रशासन ने फरार बंदियों की तलाश में एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है और इस घटना में हुई सुरक्षा चूक की जांच के आदेश दिए गए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और प्रवास नीति को मजबूत करने की आवश्यकता है। इस घटना ने न केवल सुरक्षा चूक को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमें अपने डिटेंशन सेंटरों की स्थिति की समीक्षा करने की आवश्यकता है। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ मानवाधिकारों का भी ध्यान रखे।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी कैसे होती है?
बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी तब होती है जब उन्हें अवैध रूप से भारत में प्रवेश करते हुए पकड़ा जाता है।
अस्थायी डिटेंशन सेंटर का क्या उद्देश्य है?
अस्थायी डिटेंशन सेंटर का उद्देश्य अवैध प्रवासियों को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान सुरक्षित रखना है।
क्या सरकार ने फरार बंदियों की तलाश शुरू की है?
हाँ, राज्य प्रशासन ने फरार बंदियों की तलाश में एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।