क्या ऑपरेशन सिंदूर हमारी जीत है? भारत को नुकसान के दावे क्यों खोखले हैं: अजित डोभाल

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर कोई संदेह नहीं है।
- विदेशी मीडिया को सबूत पेश करने की चुनौती।
- भारतीय सेना की आधुनिक तकनीक की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
- अजित डोभाल ने अपनी बात को स्पष्ट रूप से रखा।
- ऑपरेशन में ब्रह्मोस जैसे स्वदेशी सिस्टम का उपयोग हुआ।
चेन्नई, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने शुक्रवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर पहली बार टिप्पणी की। उन्होंने इस अभियान की सफलता को लेकर उठाए गए प्रश्नों को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने विदेशी मीडिया को चुनौती दी कि यदि उनके पास भारत के नुकसान के संबंध में कोई प्रमाण है, तो उसे पेश करें।
यह बयान आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में दिया गया। अजित डोभाल ने कहा कि हमने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों को लक्षित किया। ये स्थान सीमावर्ती नहीं थे, बल्कि वे स्थान थे जहां हमें यकीन था कि आतंकवादी मौजूद हैं। हम एक भी लक्ष्य से चूके नहीं और किसी अन्य स्थान को निशाना नहीं बनाया। यह हमला पूरी तरह से सटीक और पूर्व-निर्धारित जानकारी पर आधारित था। महज 23 मिनट में पूरे ऑपरेशन को पूरा किया गया। इस दौरान भारतीय वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसी सामरिक एकता दिखाई, जो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गई।
उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया कोई भी तस्वीर या उपग्रह इमेज पेश नहीं कर सका और न ही यह बता पाया कि नुकसान क्या हुआ। एनएसए ने कहा, "विदेशी प्रेस कहता रहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वह किया, लेकिन मुझे एक तस्वीर दिखाइए जिसमें भारत का कोई नुकसान नजर आए।" उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि आप मुझे एक भी तस्वीर या उपग्रह इमेज दिखा दीजिए जिसमें भारत को कोई नुकसान हुआ हो, यहां तक कि किसी कांच की खिड़की तक को नुकसान पहुंचा हो। इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय सेना की आधुनिक तकनीक और रणनीति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि हम इस बात पर गर्व करते हैं कि इस ऑपरेशन में स्वदेशी और अत्याधुनिक सिस्टम जैसे ब्रह्मोस, एकीकृत एयर कंट्रोल और कमांड सिस्टम और बैटलफील्ड सर्विलांस की भूमिका निर्णायक रही। हमने उनकी पोजीशन का सटीक अनुमान लगाया और उसी आधार पर हमला किया। डोभाल ने तंज कसते हुए कहा कि विदेशी मीडिया ने बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन क्या उनके पास कोई प्रमाण है? 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने बहुत कुछ लिखा, लेकिन क्या उन्होंने एक भी मान्य इमेज दिखाई जो भारत पर हुए नुकसान की पुष्टि करे?