क्या एग्जिट पोल केवल भूमिका बना रहे हैं, जिससे बेईमानी हो सके? अखिलेश यादव का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- एग्जिट पोल का उद्देश्य चुनावी परिणामों पर प्रभाव डालना हो सकता है।
- सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- सही जानकारी और निष्पक्षता चुनावी प्रक्रिया के लिए आवश्यक हैं।
लखनऊ, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त दिखाए जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि एनडीए एग्जिट पोल और मीडिया के माध्यम से पहले से एक नैरेटिव तैयार करता है ताकि चुनावी परिणामों में बेईमानी को सही ठहराया जा सके।
सपा के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एग्जिट पोल केवल भूमिका बना रहे हैं ताकि ये लोग बेईमानी कर सकें। यूपी के एग्जिट पोल में क्या दिखाया गया था? सभी हमें हरा रहे थे, लेकिन क्या हुआ?
उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में यह आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सवाल यह है कि इंटेलिजेंस क्यों विफल हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरी मुद्दों पर कुछ नहीं बोल रही है और किसानों की मंडियों की ओर ध्यान नहीं दे रही। नई पीढ़ी सभी को साथ लेकर चलना चाहती है।
अखिलेश ने कहा कि सुनने में आया है कि बिजली के दाम कम हुए हैं, लेकिन यह तो विभाग को बेचा जा रहा है। जेपीएनआईसी कब बेचा जाएगा, इसका इंतजार हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी का नारा हमें और आपको गुमराह करने के लिए है। ये लोग मन से विदेशी हैं और अगर मन से विदेशी हैं तो आप चीन पर टैरिफ क्यों नहीं लगा रहे हैं। कुछ जगहों पर चढ़ावे में सोना चढ़ रहा है। अभी यह सुनने में आया है कि राज्य में किसानों के लिए एग्रीकल्चर डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि सीएम को इंडिया के विजन से कुछ लेना-देना नहीं है। सरकार अधिकारियों का सहारा लेकर विपक्षी दलों के वोट कटवाने पर जुटी हुई है।