क्या अखिलेश यादव की हालत 'न तीन में, न तेरह में' जैसी है? : केशव प्रसाद मौर्य

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क्या अखिलेश यादव की हालत 'न तीन में, न तेरह में' जैसी है? : केशव प्रसाद मौर्य

सारांश

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को लेकर आलोचना की है। उन्होंने इसे असफल बताते हुए अखिलेश यादव की स्थिति को 'न तीन में न तेरह में' कहा। क्या यह यात्रा वास्तव में सफल हो पाएगी? जानें पूरी खबर।

Key Takeaways

  • केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल गांधी की यात्रा को असफल बताया।
  • अखिलेश यादव की स्थिति को 'न तीन में न तेरह में' कहा।
  • यात्रा का समापन पटना में होने जा रहा है।
  • भाजपा ने इसे 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' कहा।
  • जदयू के संजय झा ने भी टिप्पणी की है।

लखनऊ, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर तीखा हमला किया। उन्होंने इस यात्रा को असफल बताते हुए कहा कि अखिलेश यादव की स्थिति 'न तीन में न तेरह में' जैसी बनी हुई है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बिहार में नितांत असफल 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान सपा के बहादुर अखिलेश यादव की हालत 'न तीन में न तेरह में' जैसी ही रही। जिस पार्टी का बिहार की धरती पर न तो कोई अतीत है, न वर्तमान, और न ही कोई भविष्य।

उन्होंने आगे कहा, "उनका बिहार से संबंध केवल लालू प्रसाद यादव के परिवार से नातेदारी तक सीमित है। बिहार की जनता इनकी खातिरदारी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। इसका सबूत आने वाले चुनाव में मिलेगा।"

गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन पटना में एक विशाल पैदल मार्च के साथ होने जा रहा है। इसमें गठबंधन के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं। इस मार्च में शामिल होने के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पटना पहुंच चुके हैं।

इस यात्रा में राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लगभग 1,300 किलोमीटर का सफर तय किया गया। इस दौरान 25 जिलों और 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया गया। 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा एसआईआर के तहत मतदाता सूची से नाम हटाने के कथित प्रयासों के खिलाफ थी।

विपक्ष के नेता इस यात्रा का हिस्सा बने रहे हैं। इसका समापन पटना में होना है, जिसमें शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के कई वरिष्ठ नेता पटना पहुंच चुके हैं।

वहीं, भाजपा इस यात्रा को 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' कह रही है। दूसरी ओर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इंडिया गठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' की समाप्ति पर कहा कि जिन लोगों ने खुद चोरी की होती है, वे लोग कुछ ज्यादा जोर से बोलते हैं। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता कि हमें इन लोगों पर किसी प्रकार का भरोसा करने की आवश्यकता है।

Point of View

एक राष्ट्रीय संपादक की दृष्टि से यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानबाजी चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विभिन्न दलों के नेता अपने-अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे पर निशाना साधते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में जनता किसे चुनती है।

NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य क्या है?
वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची से नाम हटाने के कथित प्रयासों के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
इस यात्रा में कौन-कौन शामिल है?
इस यात्रा में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
केशव प्रसाद मौर्य की टिप्पणियों का क्या प्रभाव होगा?
केशव प्रसाद मौर्य की टिप्पणियाँ राजनीतिक वातावरण को गर्म कर सकती हैं और आगामी चुनावों पर असर डाल सकती हैं।