क्या अलवर मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी गंभीर है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- अलवर में मिनी सचिवालय को मिली बम से उड़ाने की धमकी।
- तीसरी बार धमकी मिलने पर प्रशासन हाई अलर्ट पर।
- पहले की धमकियां झूठी साबित हुई थीं।
- जांच में पुलिस का बम निरोधक दस्ता सक्रिय।
- सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रशासनिक प्रयास जारी।
अलवर, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अलवर के मिनी सचिवालय को सोमवार को मिली तीसरी बार बम से उड़ाने की धमकी ने जिला प्रशासन और पुलिस को हाई अलर्ट मोड में डाल दिया है।
इस भवन में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित 28 महत्वपूर्ण कार्यालय स्थित हैं। धमकी भरे ईमेल में कहा गया है कि 8 सितंबर तक मिनी सचिवालय को बम से उड़ा दिया जाएगा।
पुलिस का बम निरोधक दस्ता और जिला विशेष शाखा की 12 सदस्यीय टीम गहन तलाशी अभियान में जुट गई है, जबकि कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अपने चैंबर में मौजूद हैं।
यह घटना पिछले छह महीनों में तीसरी बार हुई है, इससे पहले 15 अप्रैल और 14 मई को भी इसी तरह की धमकियां मिली थीं, जो बाद में झूठी साबित हुई थीं।
15 अप्रैल को अलवर मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी एक ईमेल के माध्यम से जिला कलेक्टर की आधिकारिक ईमेल आईडी पर मिली थी। ईमेल में कहा गया था कि परिसर में आरडीएक्स लगाया गया है और दोपहर 3:30 बजे तक विस्फोट होगा। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की, मिनी सचिवालय को खाली कराया, और जयपुर से बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया।
करीब 8 घंटे की गहन जांच के बाद कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, और धमकी को झूठा करार दिया गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि ईमेल दक्षिण भारत (संभवतः तमिलनाडु) से भेजा गया था, और साइबर सेल इसकी जांच में जुटी थी।
एक महीने बाद, मिनी सचिवालय को फिर से धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट फास्फेट का उपयोग कर दोपहर 2 बजे तक विस्फोट की धमकी दी गई थी। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की, और जयपुर से बम निरोधक दस्ता फिर से बुलाया गया। जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, और यह धमकी भी झूठी निकली। साइबर सेल ने जांच शुरू की, और माना गया कि यह उसी व्यक्ति या समूह की कारस्तानी हो सकती है, जिसने पहली धमकी दी थी।
अब 8 सितंबर को तीसरी बार धमकी मिली है, जिससे प्रशासन ने गंभीरता से लिया है, और जांच जारी है। हालांकि, बार-बार मिल रही धमकियों से लोगों में भी हड़कंप मच गया है, जो कागजी कामकाज के लिए मिनी सचिवालय का दौरा करते हैं।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                            