क्या टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करना भारत की बड़ी जीत है? रक्षा विशेषज्ञ

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका द्वारा टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करना भारत की बड़ी जीत है।
- यह कदम पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति नीति को उजागर करता है।
- भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारने में मदद मिलेगी।
- टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
- अमेरिका के साथ भारत के संबंधों में सुधार होगा।
ग्रेटर नोएडा, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकी संगठन मान्यता देने पर रक्षा विशेषज्ञों ने इसे भारत की एक बड़ी जीत करार दिया है।
रक्षा विशेषज्ञ संजय कुलकर्णी ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका की यह घोषणा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अमेरिका ने टीआरएफ को एक आतंकवादी संगठन के रूप में पहचाना है। उल्लेखनीय है कि इसी टीआरएफ ने पहले पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में खुद को इससे अलग करने की कोशिश की। यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थक है और वहां आतंकियों को शरण देता है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का सहारा लेकर पहलगाम हमले का प्रतिशोध लिया और आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया, क्योंकि इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता थी।
संजय कुलकर्णी ने आगे कहा कि अमेरिका ने स्पष्ट रूप से टीआरएफ को आतंकवादी संगठन मानते हुए इसके सहयोगियों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (सेवानिवृत्त) शिवदान सिंह ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिखर सम्मेलनों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहलगाम आतंकी हमले के गंभीर मुद्दे को उठाया। भारतीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में गया और बताया कि कैसे टीआरएफ इस हमले में शामिल था। टीआरएफ ने स्वयं हमले की जिम्मेदारी ली थी।
कर्नल शिवदान के अनुसार, हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच बने तनावपूर्ण माहौल और अमेरिका की भूमिका के कारण भारत की छवि प्रभावित हुई थी, जिसे सुधारने के लिए अमेरिका ने टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया है।