क्या अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ लागू होने से भारत के 48 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना भारत के निर्यात पर प्रभाव डालेगा।
- सरकार व्यापार विविधीकरण के उपाय कर रही है।
- अभी तक फार्मास्यूटिकल्स पर कोई टैरिफ नहीं है।
- सरकार ने आर्थिक हितों की सुरक्षा की बात की है।
- टैरिफ को अनुचित और अतार्किक बताया गया है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यदि अमेरिका भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाता है, तो इससे देश से अमेरिका को होने वाला लगभग 48.2 अरब डॉलर का व्यापारिक निर्यात प्रभावित हो सकता है। यह जानकारी सरकार ने मंगलवार को संसद में साझा की।
अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। 7 अगस्त से कुछ भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लागू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, 27 अगस्त से एक और 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बनाई गई है।
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "सरकार, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर ध्यान दे रही है। यह अनुमान है कि इस अतिरिक्त टैरिफ के दायरे में भारत से अमेरिका को होने वाला 48.2 अरब डॉलर का व्यापारिक निर्यात आएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और हमारे किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, जिसमें उचित निर्यात संवर्धन और व्यापार विविधीकरण के उपाय भी शामिल हैं।
सरकार ने आगे बताया कि अमेरिका को होने वाले व्यापारिक निर्यात का 55 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ की पहली किश्त (25 प्रतिशत) के दायरे में आ गया है।
अभी तक भारतीय फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पर अमेरिका ने कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया है।
टैरिफ पर केंद्र सरकार के बयान के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई घोषणा "अनुचित और अतार्किक" है।
सरकार ने बयान में कहा था, "हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है।"