क्या अमेरिकी टैरिफ ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी?

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क्या अमेरिकी टैरिफ ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी?

सारांश

भारत पर अमेरिकी टैरिफ की घोषणा ने सियासी हलचल को जन्म दिया है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश कर सरकार की कूटनीतिक विफलता को उजागर किया। जानें इस मुद्दे का विस्तार से।

Key Takeaways

  • टैरिफ का भारत के निर्यात पर गहरा असर होगा।
  • यह नौकरियों की सुरक्षा के लिए खतरा है।
  • कांग्रेस ने सरकार के कूटनीतिक विफलता को उजागर किया।
  • एमएसएमई क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होगा।
  • भारत की वैश्विक स्थिति पर असर डालने वाला मुद्दा।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा भारत पर नए टैरिफ की घोषणा ने देश की राजनीति में उथल-पुथल पैदा कर दी है। विपक्ष ने इस कदम को सरकार की कूटनीतिक विफलता बताया है और संसद में सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसी सिलसिले में, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।

मणिकम टैगोर ने अपने प्रस्ताव में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत के निर्यात उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाने की घोषणा की, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे। टैगोर ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सदन की अन्य सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर इस गंभीर और तात्कालिक राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।

कांग्रेस सांसद ने अपने पत्र में कई क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिकी टैरिफ का सबसे बड़ा प्रभाव उन भारतीय क्षेत्रों पर पड़ेगा जो निर्यात पर निर्भर हैं और जहां करोड़ों लोग रोजगार में लगे हैं। इससे न केवल उत्पादन और ऑर्डर प्रभावित होंगे, बल्कि बड़ी संख्या में नौकरियों पर भी संकट आ सकता है।

टैगोर ने लिखा कि अमेरिका ने भारत पर तथाकथित 'गैर-टैरिफ बाधाओं' और 'अनुचित व्यापार व्यवहार' का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की है। वर्ष 2024 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 45.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। ऐसे में यह जवाबी कार्रवाई भारत के लिए कई गंभीर खतरे पैदा कर सकती है।

प्रस्ताव में कहा गया है, "लक्षित क्षेत्रों में लाखों भारतीय कामगार कार्यरत हैं, खासकर एमएसएमई क्षेत्रों में। इस टैरिफ से उत्पादन में व्यवधान, ऑर्डर रद्द होना, नौकरियां खत्म होना और भारत की निर्यात प्रतिष्ठा को दीर्घकालिक नुकसान होगा।"

मणिकम टैगोर ने कहा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी स्पष्ट किया है, यह घटनाक्रम केवल व्यापारिक संकट नहीं है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति और वैश्विक प्रभावशीलता की व्यापक विफलता को दर्शाता है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा पड़ेगा। हमें अपने निर्यात को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यह केवल एक व्यापारिक समस्या नहीं है, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को भी प्रभावित करेगा।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा?
अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जिससे उत्पादन में कमी और नौकरियों में गिरावट हो सकती है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर क्या कदम उठाया है?
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है ताकि इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो सके।
इस टैरिफ से कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे?
टैरिफ का सबसे बड़ा प्रभाव उन क्षेत्रों पर पड़ेगा जो निर्यात पर निर्भर हैं, जैसे कि एमएसएमई।