क्या अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी की भारत यात्रा से संबंधों में सुधार होगा?

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क्या अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी की भारत यात्रा से संबंधों में सुधार होगा?

सारांश

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी की भारत यात्रा से भारत-तालिबान संबंधों में नए बदलाव की उम्मीद है। यह यात्रा काबुल और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानिए इससे क्षेत्रीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • आमिर मुत्ताकी की यात्रा भारत-तालिबान संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • तालिबान शासन के साथ संवाद बनाए रखने की आवश्यकता है।
  • भारत ने अभी तक तालिबान को औपचारिक मान्यता नहीं दी है।
  • काबुल और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ रहा है।
  • भारत ने अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास तालिबान को सौंपे हैं।

नई दिल्ली, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी अगले सप्ताह नई दिल्ली का दौरा करने वाले हैं, जिससे भारत-तालिबान संबंधों में सुधार की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

राष्ट्र प्रेस ने पहले बताया था कि विदेश मंत्री मुत्ताकी अगस्त के अंत में नई दिल्ली आने की योजना बना रहे थे, लेकिन उस समय उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से यात्रा प्रतिबंध में छूट प्राप्त नहीं हुई थी।

सूत्रों ने पुष्टि की है कि तालिबान सरकार के उच्च-ranking मंत्री 9-10 अक्टूबर को नई दिल्ली में उपस्थित रहेंगे।

2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद, दिल्ली और काबुल अपने द्विपक्षीय संबंधों में नए मोड़ का सामना कर रहे हैं। दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, खासकर जब काबुल और इस्लामाबाद कठिन दौर से गुजर रहे हैं।

वर्तमान में, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, डूरंड रेखा पर संघर्ष भी देखा जा रहा है। इस्लामाबाद ने काबुल पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है और हाल ही में सीमा पार हवाई हमले भी किए हैं, जिसे तालिबान नेतृत्व ने कड़ी निंदा की है।

पिछले कुछ महीनों में, तालिबान के कई वरिष्ठ अधिकारी नई दिल्ली का दौरा कर चुके हैं, जिनमें अफगानिस्तान के चिकित्सा एवं खाद्य उप मंत्री हमदुल्ला जाहिद भी शामिल हैं। वह पिछले महीने फार्मास्यूटिकल्स एवं स्वास्थ्य सेवा पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के 11वें संस्करण के लिए भारतीय राजधानी में थे।

भारत ने अब तक तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता देने से परहेज किया है। हालाँकि, काबुल में दूतावास को फिर से खोलने से लेकर भूकंप के बाद मानवीय सहायता भेजने तक, नई दिल्ली तालिबान शासन के साथ निरंतर संवाद बनाए हुए है।

इसके अलावा, भारत ने मुंबई और हैदराबाद में अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास तालिबान राजनयिकों को सौंप दिए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और तालिबान के बीच संवाद बढ़ाने की आवश्यकता है। हालांकि तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संवाद आवश्यक है। हमें हर हाल में अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखना चाहिए।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

आमिर मुत्ताकी की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-तालिबान संबंधों में सुधार और द्विपक्षीय संवाद को बढ़ावा देना है।
क्या भारत तालिबान को मान्यता देगा?
अभी तक भारत ने तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन संवाद जारी है।