क्या अमृतसर में आईएसआई से जुड़े दो गिरफ्तार हुए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गिरफ्तारी से आईएसआई के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
- गुरप्रीत सिंह और साहिल मसीह के पास से बरामद मोबाइल फोन महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं।
- पुलिस जांच जारी है, अन्य संगठनों से संपर्क की संभावना पर ध्यान दिया जा रहा है।
अमृतसर, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ाव के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान भारतीय सेना में कार्यरत गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में की गई है।
अमृतसर ग्रामीण एसएसपी मनिंदर सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि गुरप्रीत सिंह वर्ष 2016 से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था और वर्तमान में जम्मू में तैनात था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गुरप्रीत सिंह आईएसआई के प्रमुख हैंडलर राणा जावेद के सीधे संपर्क में था। वह एक यूएसबी डिवाइस (पेन ड्राइव) के माध्यम से भारत की संवेदनशील सैन्य और खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।
उन्होंने कहा कि गुरप्रीत सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से पहले आतंकियों को सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की थी, जिससे हमले को अंजाम दिया गया। साहिल मसीह उर्फ शाली, जो इस नेटवर्क का दूसरा सदस्य है, गुरप्रीत के संपर्क में था और दोनों मिलकर आईएसआई को देशविरोधी जानकारी उपलब्ध करा रहे थे।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गुरप्रीत और साहिल के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनका उपयोग आईएसआई से संपर्क साधने के लिए किया जाता था। इन मोबाइल का फॉरेंसिक परीक्षण यह दर्शाता है कि दोनों आरोपियों की आईएसआई से नियमित बातचीत होती थी।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस नेटवर्क की पूरी तह तक जाने के लिए जांच कर रही हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इन दोनों का संपर्क किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन से भी था। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि उन्होंने किन स्रोतों से जानकारी इकट्ठा कर पाकिस्तान को भेजी और क्या भारतीय सेना की अन्य संवेदनशील जानकारी भी लीक की गई है।