क्या अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का प्रदर्शन मुआवजे की कमी को लेकर है?

सारांश
Key Takeaways
- किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने मुआवजे की मांग की है।
- मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को चेक दिए हैं।
- किसानों के अनुसार, मुआवजा नाकाफी है।
- सरकार को ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए।
- यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो चुनावों में प्रभाव पड़ सकता है।
अमृतसर, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को अमृतसर के भले गांव के निकट उस समय स्थिति गर्म हो गई जब मुख्यमंत्री भगवंत मान बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा बांटने पहुंचे। इस अवसर पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब की अगुवाई में सरवन सिंह पंधेर ने रोष प्रदर्शन किया।
पंधेर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जबकि मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों को चेक दे रहे हैं, दूसरी ओर किसानों और मजदूरों को दिया जा रहा मुआवजा नाकाफी है। सरकार द्वारा दिए जा रहे 10 हजार से 20 हजार रुपए तक के चेक वास्तविक नुकसान की तुलना में बहुत कम हैं।
उन्होंने मांग की कि धान की फसल के नुकसान के लिए कम से कम 70 हजार प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, पशुपालकों, पोल्ट्री फार्म मालिकों, खेत मजदूरों और दुकानदारों को भी उनके नुकसान के अनुसार आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।
पंधेर ने यह भी कहा कि जिन किसानों की ज़मीनें बाढ़ के कारण बर्बाद या रेत से भर गई हैं, उन्हें विशेष मुआवजा मिलना चाहिए और दिसंबर तक खेती से जुड़ी पाबंदियों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन पोर्टल प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों से कहा जा रहा है कि वे पोर्टल पर जाकर आवेदन भरें, जबकि यह प्रक्रिया कठिन और समय लेने वाली है। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन प्रक्रिया के बिना सीधे सहायता राशि जारी करे, जिससे राहत जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
पंधेर ने पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मुकदमों और गिरफ्तारियों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसानों को सजा देने के बजाय सरकार को उनके लिए वैकल्पिक समाधान तलाशने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि शंभू-खनौरी आंदोलन के दौरान हुई सरकारी नाकामियों के जवाब अब तक किसानों को नहीं मिले हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानीं, तो 2027 के चुनाव में पंजाब के गांवों में मंत्री और नेता जनता के सवालों से घिर जाएंगे।
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब किसानों के हक के लिए शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष जारी रखेगी, जब तक कि हर प्रभावित वर्ग को पूरा न्याय नहीं मिल जाता।