आंध्र प्रदेश: क्या मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हादसों के लिए फटकार लगाई और जिम्मेदारी पूछी?
सारांश
Key Takeaways
- दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है।
- सख्त जवाबदेही और नियमन जरूरी है।
- टेक्नोलॉजी का उपयोग कर हादसों को रोकने की संभावनाएं।
- सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।
- प्रतिक्रियाओं के बजाय, सक्रियता से काम करना आवश्यक है।
अमरावती, ६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में परिवहन क्षेत्र में बार-बार हो रही दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इसके समाधान के लिए सख्त जवाबदेही और नियमन की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि इसके लिए किसकी जवाबदेही होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हर बार जब कोई दुर्घटना होती है, हम इसे 'हमारी गलती नहीं थी' कहकर नहीं छोड़ सकते। यह सही नहीं है। हमें अपने सिस्टम की जिम्मेदारी लेनी होगी।"
उन्होंने कुरनूल में एक हालिया हादसे का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बस में आग लग गई थी, लेकिन यह बस आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति की थी, जिसका पंजीकरण ओडिशा में हुआ था।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की नीति के तहत अखिल भारतीय परमिट जारी किए जाते हैं, जिससे कुछ राज्य सस्ती कीमतों पर वाहन पंजीकरण कराते हैं। इस कारण ऑपरेटर अपने वाहनों को उन राज्यों में पंजीकृत कराते हैं और पूरे देश में चलते हैं, लेकिन इन वाहनों का उचित नियमन नहीं होता।
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि हम इस मुद्दे को भारत सरकार के संज्ञान में लाएं और सुनिश्चित करें कि वाहनों का पंजीकरण और संचालन सही तरीके से हो?"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं पर केवल प्रतिक्रिया देना पर्याप्त नहीं है, हमें समस्याओं का समाधान सक्रिय रूप से करना होगा।
उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि तेलंगाना में हुए दुर्घटना में कई लोग मारे गए थे। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जैसे श्रीकाकुलम में हुए मंदिर हादसे में नौ लोगों की जान गई। अगर कोई भव्य आयोजन हो रहा है, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि हम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें?
मुख्यमंत्री ने कहा, "तकनीक की मदद से हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। हमारे पास ताकत और क्षमता है, हमें इसे सही दिशा में इस्तेमाल करना होगा।"
उन्होंने प्रशासन और नियामक प्राधिकरणों से अपील की कि वे केवल प्रतिक्रियाएं देने के बजाय, प्रभावी तरीके से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करें। बार-बार हो रहे हादसे को रोकने के लिए जल्द ही अधिकारी कोई कदम उठाएं। इसके साथ ही अपनी-अपनी जवाबदेही भी तय करें।