क्या दिल्ली में डॉ. अंबेडकर स्कूल का बोर्ड हटाने पर 'आप' का विरोध उचित है?

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क्या दिल्ली में डॉ. अंबेडकर स्कूल का बोर्ड हटाने पर 'आप' का विरोध उचित है?

सारांश

दिल्ली में डॉ. भीमराव अंबेडकर स्कूल का नाम बदलने के आरोप पर आम आदमी पार्टी ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। क्या यह केवल एक नाम परिवर्तन है, या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीति है? जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • डॉ. भीमराव अंबेडकर का सम्मान
  • राजनीतिक विरोध की संस्कृति
  • सामाजिक न्याय का महत्व
  • क्रेडिट चुराने की नीति
  • दलित समुदाय की आवाज़

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का नाम बदलकर ‘सीएम श्री’ लिखे जाने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को लाजपत नगर में विरोध प्रदर्शन किया। कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार के नेतृत्व में 'आप' कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर नारेबाजी करते हुए बताया कि सरकार ने स्कूल से बाबा साहेब का नाम हटाकर मुख्यमंत्री का नाम लिखवा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने मौके पर हटाया गया बोर्ड वापस लगाकर विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शन के दौरान दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर स्कूल का वह फोटो साझा करते हुए कहा, “सरकार को कोई नया काम नहीं करना, बस नाम बदलो और क्रेडिट चुराओ।” उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद यह सरकार दूसरों के काम का श्रेय लेने की नीति अपनाती है।

विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर समर्पित कराए गए स्कूलों से नाम हटाना दलित समुदाय और अंबेडकर के अनुयायियों का अपमान है। उन्होंने कहा, “स्कूल के आगे से 'डॉ. बी.आर. अंबेडकर' का बोर्ड हटाकर 'सीएम श्री' लिख दिया गया है। क्या मुख्यमंत्री का नाम बाबा साहेब से बड़ा है?”

कुलदीप ने आगे कहा कि सरकार 'क्रेडिट चोर' है और इससे पहले मोहल्ला क्लीनिक एवं मोहल्ला बस जैसी योजनाओं का भी श्रेय चुराने के प्रयास किए जा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसे नाम परिवर्तन की कोशिशें जारी रहीं तो आम आदमी पार्टी और दलित समाज सक्रिय रूप से विरोध करेंगे।

उन्होंने समय पर ‘सीएम श्री’ का बोर्ड हटाने और ‘डॉ. बी.आर. अंबेडकर’ का बोर्ड फिर से लगाने की मांग की और बताया कि मौके पर उन्होंने वह बोर्ड वापस लगा दिया है। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने न केवल बोर्ड को पुनः स्थापित किया बल्कि घोषणाएं भी कीं कि दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में जहां-जहां अंबेडकर के नाम हटाने की कोशिश होगी, वहां 'आप' कार्रवाई करेगी।

कुलदीप ने कहा, “हम पीछे हटने और दबने वाले नहीं हैं।”

Point of View

बल्कि यह उन सामाजिक मुद्दों की ओर भी इशारा करती है जो भारतीय समाज में गहरे समाहित हैं। यह आवश्यक है कि हम इस विवाद को समझें और इसका सही समाधान खोजें।
NationPress
06/11/2025