क्या आंध्र प्रदेश में पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीन बड़े माओवादी मारे गए?

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क्या आंध्र प्रदेश में पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीन बड़े माओवादी मारे गए?

सारांश

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स की पुलिस ने एक मुठभेड़ में तीन बड़े माओवादी नेताओं को मार गिराया है। इस मुठभेड़ से माओवादी संगठन को एक बड़ा झटका लगा है। जानिए इस मुठभेड़ के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • तीन माओवादी नेता मुठभेड़ में मारे गए।
  • मुठभेड़ आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में हुई।
  • सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की।
  • यह मुठभेड़ माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है।
  • माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है।

विशाखापत्तनम, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में बुधवार को पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) के तीन प्रमुख नेता मारे गए।

आंध्र-ओडिशा सीमा पर स्थित देवीपटनम वन क्षेत्र में विशेष माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स के जवानों और माओवादियों के बीच गोलीबारी हुई।

जंगलों में तलाशी अभियान चला रहे ग्रेहाउंड्स के जवानों ने माओवादियों को आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया। जब माओवादियों ने गोलीबारी शुरू की, तब सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तीन माओवादियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ रामपचोड़ावरम और मारेदुमिल्ली मंडलों के बीच जंगलों में कोंडामोडालु के निकट हुई।

मारे गए माओवादियों की पहचान आंध्र ओडिशा बॉर्डर (एओबी) स्पेशल जोन कमेटी के सचिव गजरला रवि उर्फ उदय, स्पेशल जोन कमेटी सदस्य अरुणा और स्पेशल जोन कमेटी एसीएम अंजू के रूप में हुई। रवि सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का सदस्य भी था।

सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की हैं।

अरुणा, केंद्रीय समिति के सदस्य रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलापथी की पत्नी थी, जो इस वर्ष जनवरी में ओडिशा की सीमा के निकट छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए 14 माओवादियों में शामिल थी।

अरुणा अराकू विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या में शामिल थी। माओवादियों ने 2018 में विशाखापत्तनम जिले में टीडीपी के दो नेताओं की गोली मारकर हत्या की थी। अरुणा विशाखापत्तनम जिले के पेंडुर्थी मंडल के करकावानीपालम की निवासी थी और उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। उदय के सिर पर भी 25 लाख रुपये का इनाम था।

मारे गए माओवादियों के शवों को रामपचोड़ावरम क्षेत्रीय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया।

तीन माओवादी नेताओं की हत्या को एओबी क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

एओबी को माओवादी छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र और झारखंड के जंगलों के बीच एक सुरक्षित मार्ग मानते थे। एओबी में माओवादियों को यह ताजा झटका छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन कगार के तहत सुरक्षा बलों द्वारा कई माओवादियों को मार गिराने के तुरंत बाद आया है।

Point of View

यह माओवादी गतिविधियों के खिलाफ संघर्ष में एक लंबी लड़ाई का हिस्सा है। सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए अपनी कार्रवाई को अंजाम दें।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

मुठभेड़ कब और कहाँ हुई?
यह मुठभेड़ 18 जून को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में हुई।
मारे गए माओवादी नेताओं की पहचान क्या है?
मारे गए माओवादियों में गजरला रवि, अरुणा और अंजू शामिल हैं।
क्या मुठभेड़ में कोई हथियार बरामद हुए?
हाँ, मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की गई हैं।
इस मुठभेड़ का महत्व क्या है?
यह मुठभेड़ एओबी क्षेत्र में माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है।
क्या माओवादी संगठन को इस घटना से नुकसान होगा?
हाँ, यह घटना माओवादी संगठन की शक्ति को कमजोर करने में सहायक साबित होगी।