क्या 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय यूएन द्वारा लिया गया था?
सारांश
Key Takeaways
- योग एक प्राचीन भारतीय विरासत है।
- पीएम मोदी ने इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
- 21 जून का दिन वर्ष का सबसे लंबा होता है।
- यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में तेजी से पारित हुआ।
- पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 में मनाया गया।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग भारत की अत्यंत प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है। इस महान विरासत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। पीएम मोदी के प्रयासों के परिणामस्वरूप, 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से संबंधित एक ऐतिहासिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
इस प्रस्ताव में योग को मानव जीवन को संतुलित, स्वस्थ और समग्र बनाने वाला एक विज्ञान बताया गया। पीएम मोदी की इस पहल को विश्वभर से लोगों का समर्थन मिला।
सिर्फ 90 दिनों की अवधि में, 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने योग के लिए ऐतिहासिक घोषणा की। इस घोषणा के अनुसार, 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में स्थापित किया गया। तब से हर वर्ष 21 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विश्व के विभिन्न नेता योग कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।
यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे तेजी से पारित होने वाले प्रस्तावों में से एक है। भारत ने योग को केवल एक व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि जीवन के समग्र दृष्टिकोण, शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के रूप में प्रस्तुत किया।
अब सवाल उठता है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का चयन क्यों किया गया। वास्तव में, हर वर्ष 21 जून को मनाए जाने वाले इस दिवस का एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक पहलू है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और 21 जून को सूर्य का उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर गति शुरू होना भारतीय परंपरा में ऊर्जा और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण इस तिथि को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था, जिसमें 190 से अधिक देशों ने भाग लिया। भारत में भी इसे धूमधाम से मनाया गया। दिल्ली के राजपथ पर एक विशाल समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें 35,000 से ज्यादा लोगों ने एक साथ योग का अभ्यास कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद से हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है और लाखों लोग विभिन्न आयु समूहों और पृष्ठभूमियों से इसमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
—राष्ट्र प्रेस
केके/एएस