क्या दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ? 6 तस्कर गिरफ्तार, गांजा बरामद

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया।
- गिरफ्तार तस्करों के पास से 5.7 किलो ओजी गांजा बरामद हुआ।
- गिरोह थाईलैंड से गांजा तस्करी करता था।
- इस गिरोह में कई सक्रिय सदस्य शामिल थे।
- पुलिस की कार्रवाई से नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संदेश मिला है।
नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (वेस्टर्न रेंज-I) ने नशे के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लाई सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 6 सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में मेहराज खान (42), प्रताप सिंह (32), अनिल कुमार सिंह (37), सुरजीत सिंह (34), हरप्रीत सिंह (27), और राजवंत सिंह (49) शामिल हैं। इनके कब्जे से 5.7 किलो ओजी गांजा, 3 लग्जरी कारें, और 2 पासपोर्ट बरामद किए गए हैं।
जांच में यह बात सामने आई कि यह गिरोह थाईलैंड से भारत में गांजा तस्करी करता था और दिल्ली-एनसीआर समेत कई अन्य राज्यों में सप्लाई करता था।
हेड कांस्टेबल दिनेश को 26 अगस्त को एक मुखबिर से सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अखिलेश बाजपेयी की टीम ने केशोपुर मंडी स्थित गोल्डन मेंशन होटल के पास छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने दो कारों में प्रताप सिंह और मेहराज खान को पकड़ा, जिनके पास से 3.7 किलो ओजी गांजा बरामद हुआ। इसके बाद एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को और सुराग मिलने पर 1 सितंबर को हैदराबाद से मुख्य सप्लायर अनिल कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। अनिल के आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) स्थित गांव में छापेमारी कर 2 किलो ओजी गांजा बरामद किया गया।
वहीं 3 सितंबर को हरप्रीत सिंह, राजवंत सिंह और सुरजीत सिंह को चंदर विहार, दिल्ली से पकड़ा गया। उनसे पूछताछ में यह पता चला कि वे थाईलैंड से आने वाले गांजे की सप्लाई में सक्रिय थे।
पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह गिरोह अनिल कुमार सिंह और दुबईईशान के निर्देश पर काम करता था। यह नेटवर्क थाईलैंड के बैंकॉक से गांजा मंगवाता और दिल्ली-एनसीआर में मोटे दामों पर बेचता था।
थाईलैंड में यह गांजा करीब 1.5 लाख रुपए प्रति किलो खरीदा जाता है, जबकि दिल्ली-एनसीआर में इसकी कीमत 6 से 7 लाख रुपए प्रति किलो तक होती है। पैसे हवाला के जरिए दुबई स्थित ईशान तक पहुंचाए जाते हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि अनिल कुमार, मेहराज खान, और प्रताप सिंह ने मिलकर कैरियर्स को भर्ती किया। इन्हें विदेशी यात्राओं, कमीशन, और आसान पैसे का लालच देकर तस्करी में शामिल किया जाता था।
बैंकॉक में कैरियर्स को पैक्ड गांजा दिया जाता और भारत लौटने पर यह माल अमृतसर, चंडीगढ़, मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट से होते हुए नेटवर्क तक पहुंचाया जाता। फिलहाल, मामले की जांच अभी भी जारी है।