क्या पंजाब में बाढ़ से 43 मौतें हुईं? मंत्री हरपाल सिंह चीमा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में बाढ़ से 43 लोगों की मृत्यु हुई है।
- किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
- हरपाल सिंह चीमा ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल में हैं लेकिन जल्द लौटेंगे।
- राजनीतिक बयानबाजी के बजाय वास्तविक राहत की आवश्यकता है।
चंडीगढ़, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में बाढ़ के कारण किसानों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के पंजाब दौरे पर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शिवराज सिंह चौहान के दौरे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश के कृषि मंत्री के दौरे से उम्मीदें थीं, जो पूरी नहीं हुईं। उन्होंने पंजाब को दोष देकर लौट गए हैं। उन्हें किसानों के साथ खड़े होकर कुछ सबूत पेश करने चाहिए थे, जो उन्होंने नहीं किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि न तो हमें पैसे मिले हैं और न ही उस पत्र का जवाब आया है। यह दर्शाता है कि भाजपा पंजाब और पंजाबी को नफरत की दृष्टि से देखती है।
पंजाब और पंजाबी देश को प्यार करते हैं, लेकिन भाजपा की नजरें पंजाब के खिलाफ हैं। पंजाब का जो बकाया 60 हजार करोड़ है, उसे तुरंत जारी किया जाए। अब तक इस आपदा में पंजाब में 43 लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी प्रधानमंत्री की आंखों में आंसू नहीं आए।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लिए अफगानिस्तान पहले है और पंजाब की कोई चिंता नहीं है। मानवता के लिए अफगानिस्तान को राहत भेजना आवश्यक है, लेकिन पंजाब का भी ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में ऐसी बाढ़ नहीं आई है। भाजपा बहाना बना रही है कि मुआवजे का पैसा पंजाब को नहीं मिले। भाजपा मौतों पर राजनीति करती है।
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल में भर्ती हैं। हम उनसे मिले थे, उनकी हालत ठीक है। डॉक्टरों ने 2 से 3 दिन आराम करने की सलाह दी है। इसके बाद मुख्यमंत्री स्वयं लोगों के बीच रहेंगे। उनकी पूरी टीम सरकार और प्रशासन के साथ काम कर रही है। भगवंत मान 2 से 3 दिन में खुद आकर कमान संभाल लेंगे।