क्या असम में 'लखपति दीदी' योजना महिलाओं के सशक्तीकरण का नया युग लाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- ‘लखपति दीदी’ योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है।
- इस योजना के तहत 35 लाख महिलाओं को आर्थिक सहयोग मिलेगा।
- महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है।
- केंद्र और राज्य सरकारें जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं।
गुवाहाटी, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए ‘लखपति दीदी’ की पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के उद्देश्य से एक नए कार्यक्रम का ऐलान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामसरणी आंचलिक पंचायत के तहत स्वयं सहायता समूहों की 7474 सदस्यों को चेक वितरित किए।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "असम में 40 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से अब तक 8 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। इस संख्या को और बढ़ाने के लिए, असम सरकार अब 35 लाख महिलाओं को एक लाख रुपये तक का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है।"
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लखपति दीदी पार्वती ने बताया कि सीएम ने लखपति दीदियों के बारे में सोचते हुए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके लिए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बहुत धन्यवाद। योजना के तहत बैंक से लोन भी दिया गया। लोन के जरिए मिले पैसे से मत्स्य पालन और डेयरी का कारोबार किया जाता है।
एक अन्य महिला ने कहा कि लखपति दीदी पहल की शुरुआत से हमारे बीच एक खुशी का माहौल है। इन पैसों से कोई फार्मिंग तो कोई सिलाई का काम करेगा। जिसमें जो हुनर होगा वह उसी के अनुरूप कारोबार करेगा। लखपति दीदी न केवल सशक्त हो रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
पूर्णिमा दास ने बताया कि इन पैसों से अपने कारोबार का विस्तार करूंगी। केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, जिसका हमें बहुत लाभ हो रहा है।
केंद्र सरकार देश की महिलाओं को सशक्त बनाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए, समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। केंद्र की ओर से महिलाओं को स्वरोजगार को लेकर बढ़ावा देने के लिए ‘लखपति दीदी’ योजना शुरू की गई है।