हरियाणा को 200 एमबीबीएस सीटों की मिली सौगात? आरती सिंह राव

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा में 200 एमबीबीएस सीटों की मंजूरी मिली है।
- भिवानी और कोरियावास में कॉलेजों को 100-100 सीटें दी गई हैं।
- स्वास्थ्य विभाग की मेहनत का फल मिला है।
- किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
- ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 10 सितंबर तक खुला रहेगा।
चंडीगढ़, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने हरियाणा के भिवानी और कोरियावास (महेंद्रगढ़) में स्थित मेडिकल कॉलेजों को 100-100 सीटों के लिए प्रवेश की मंजूरी दी है। हरियाणा सरकार की मंत्री आरती सिंह राव ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की मेहनत रंग लाई है। यह कदम राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि उनके स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद भिवानी और कोरियावास में मेडिकल कॉलेजों को 100-100 सीटों की मंजूरी मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ा कदम है।
आगे कहा कि एमबीबीएस सीटों के लिए भिवानी और कोरियावास में बातचीत चल रही थी। 19 अगस्त को हमने एनएमसी को पत्र लिखा था। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि दोनों जगहों पर जल्दी अनुमति दिला दें। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महज पत्र लिखने के 12 दिनों के अंदर आयोग की ओर से इजाजत मिली है। यह हरियाणा के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे हरियाणा के बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और प्रदेश में रहकर वह मेडिकल की पढ़ाई कर पाएंगे। यहाँ से डॉक्टर बनेंगे और भविष्य में प्रदेश की सेवा भी कर पाएंगे।
भारी वर्षा से फसलों के नुकसान पर उन्होंने कहा कि किसानों को जो भी नुकसान हुआ है, सरकार उसकी पूर्ति करेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा से सटे पंजाब में भी भारी बारिश और बाढ़ से स्थिति खराब है। हम पंजाब के लोगों के साथ खड़े हैं, जो भी मुमकिन मदद की आवश्यकता होगी, वह मुख्यमंत्री नायब सैनी करेंगे। दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने बताया है कि भारी वर्षा से प्रभावित किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 10 सितंबर तक खुला रहेगा। इस पोर्टल के माध्यम से किसान फसल क्षति का पंजीकरण कर सकते हैं।