क्या बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाना जनता की जीत है?

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क्या बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाना जनता की जीत है?

सारांश

केंद्र सरकार द्वारा बीमा प्रीमियम पर टैक्स वापस लेने के निर्णय को लेकर टीएमसी ने इसे जनता की जीत घोषित किया है। ममता बनर्जी ने पहले दिन से ही इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी थी। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • टीएमसी ने बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाने को जनता की जीत बताया।
  • ममता बनर्जी ने पहले दिन से ही इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी थी।
  • सरकार ने व्यक्तिगत बीमा पर जीएसटी को शून्य किया।
  • जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी घटाया गया है।
  • रोटियों पर जीएसटी शून्य रहेगा।

कोलकाता, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा बीमा प्रीमियम पर लगाए गए टैक्स को वापस लेने के निर्णय के बाद ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इसे जनता की जीत के रूप में प्रस्तुत किया है। पार्टी ने इसे एक "मजबूरी में लिया गया निर्णय" मानते हुए कहा कि जब तक जनता दबाव नहीं बनाती, तब तक यह सरकार लोगों की नहीं सुनती।

टीएमसी के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर कहा गया, "यह आम लोगों की जीत है। यह सरकार तब तक कुछ नहीं सुनती जब तक मजबूर न हो जाए।"

टीएमसी का कहना है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर पहले दिन से ही केंद्र को चेतावनी दी थी।

पार्टी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में कहा, "ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री को स्पष्ट शब्दों में बताया था कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाना अमानवीय, जनविरोधी और आम लोगों को संकट की घड़ी में आर्थिक तबाही के मुंह में धकेलने जैसा है।"

टीएमसी ने यह भी कहा, "हम हर जनविरोधी निर्णय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे, चाहे वह संसद हो या सड़क।"

गौरतलब है कि सरकार ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी घटाने का निर्णय लिया है। अब व्यक्तिगत इंश्योरेंस पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।

साथ ही, केंद्र सरकार ने 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है। जीवन रक्षक दवाओं में ओनासेमनोजेन अबेपार्वोवेक, एस्किमिनिब, मेपोलिज़ुमाब, पेगीलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन, डाराटुमुमाब, डाराटुमुमैब उपचर्म, टेक्लिस्टामैब, अमिवंतामब, एलेक्टिनिब, रिस्डिप्लाम, ओबिनुटुज़ुमैब, पोलाटुज़ुमैब वेडोटिन, एंट्रेक्टिनिब, एटेजोलिज़ुमाब, स्पेसोलिमैब, वेलाग्लूसेरेज अल्फा, एगल्सिडेस अल्फा, रुरियोक्टोकॉग अल्फा पेगोल, इडुरसल्फेटेज, एल्ग्लूकोसिडेस अल्फा, लैरोनिडेस, ओलिपुडेस अल्फा, टेपोटिनिब, एवेलुमैब, एमिसिज़ुमाब, बेलुमोसुडिल, मिग्लस्टैट, वेलमनसे अल्फा, एलिरोक्यूमैब, एवोलोकुमाब, सिस्टामाइन बिटार्ट्रेट, सीआई-अवरोधक इंजेक्शन और इंक्लिसिरन शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रोटियों पर कोई भी जीएसटी नहीं लगेगा। रोटी, पराठा या भारतीय ब्रेड, इन चीजों पर जीएसटी शून्य होगा। जिन वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है, उनमें खाखरा, चपाती, दूध, ब्रेड, छेना और पनीर शामिल हैं।

Point of View

जो जनता की आवाज को सुनने का प्रयास करता है। यह दिखाता है कि जब लोग एकजुट होते हैं, तो सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना पड़ता है। लेकिन क्या यह कदम पर्याप्त है या हमें और अधिक परिवर्तन की आवश्यकता है? यह सवाल अभी भी मौजूद है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाने का मुख्य कारण क्या है?
केंद्र सरकार ने जनता के दबाव और टीएमसी के विरोध के चलते बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाने का निर्णय लिया।
ये परिवर्तन आम लोगों को कैसे प्रभावित करेगा?
इससे आम लोगों को बीमा प्रीमियम में राहत मिलेगी और स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ेगी।
क्या यह निर्णय स्थायी है?
यह निर्णय फिलहाल के लिए है, लेकिन भविष्य में इसे फिर से समीक्षा किया जा सकता है।