क्या आश्विन कृष्ण अष्टमी पर जीवित्पुत्रिका व्रत और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ संयोग है?

Click to start listening
क्या आश्विन कृष्ण अष्टमी पर जीवित्पुत्रिका व्रत और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ संयोग है?

सारांश

आश्विन कृष्ण अष्टमी पर जीवित्पुत्रिका व्रत और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। जानिए इस दिन की तिथियों, पूजा विधियों और फलितार्थ के बारे में, जिसे मनाने से मिलती है संतान सुख और मोक्ष की प्राप्ति।

Key Takeaways

  • आश्विन कृष्ण अष्टमी का महत्व धार्मिक और सामाजिक है।
  • जीवित्पुत्रिका व्रत माताओं के लिए संतान के कल्याण का व्रत है।
  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर महीने मनाई जाती है।
  • पूजा से धन, यश और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • मोर पंख की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा आती है।

नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और जीवित्पुत्रिका व्रत मनाया जाता है। इस दिन सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा रात के 8 बजकर 3 मिनट तक वृषभ राशि में रहेगा। इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेगा।

दृक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम के 4 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

पुराणों के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत का आयोजन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। एक कथा के अनुसार, इसका संबंध महाभारत काल से है। गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन ने खुद को गरुड़ को सौंपकर एक नागिन के बेटे की जान बचाई थी, जिसके बाद से संतान की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करने का प्रचलन हुआ। माताएं इस दिन निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं, जिससे उनकी संतानों को कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी दीर्घायु, सुख-समृद्धि एवं कल्याण होता है। यह व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। नेपाल में इसे जितिया उपवास के रूप में जाना जाता है।

इसी दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य एवं संतान सुख की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दरअसल, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी रविवार की सुबह 5 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर सोमवार की सुबह 3 बजकर 6 मिनट तक रहेगी।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो परिवार के सदस्यों को बुरी नजर और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि आश्विन कृष्ण अष्टमी का महत्व केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में माता-पिता के प्रति सम्मान और संतान के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन मनाए जाने वाले व्रत और पर्व हमारे समाज के सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, जो हमें अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व क्या है?
जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।
इस दिन कौन सी पूजा विधि अपनाई जाती है?
इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा विधि से की जाती है, जिसमें मोर पंख अर्पित करना भी शामिल है।