क्या ध्वजारोहण के क्षणों ने भक्तिमय बना दिया अयोध्या, चारों दिशाओं में गूंजा 'जय श्रीराम'?

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क्या ध्वजारोहण के क्षणों ने भक्तिमय बना दिया अयोध्या, चारों दिशाओं में गूंजा 'जय श्रीराम'?

सारांश

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने का ऐतिहासिक अवसर, जहां भक्तों की उमड़ी भीड़ ने भक्ति भाव से शहर को सराबोर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पल अयोध्या के गौरव की पुनर्स्थापना का प्रतीक बना।

Key Takeaways

  • अयोध्या का ध्वजारोहण एक ऐतिहासिक घटना है।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • भक्तों की भीड़ ने शहर में भक्ति का माहौल बना दिया।
  • अयोध्या ने अपनी आध्यात्मिक प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया।
  • यह आयोजन संस्कृति और आस्था के संगम का प्रतीक है।

अयोध्या, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराए जाने का ऐतिहासिक पल संपूर्ण अयोध्या को भक्ति के रस में डुबो दिया। धर्मपथ सहित शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर जयघोष करते श्रद्धालु एकत्रित हो गए और राम नाम की गूंज से नगर भक्तिमय हो गया।

लता मंगेशकर चौक पर हजारों भक्त एकत्र होकर ध्वजारोहण का सीधा प्रसारण देखते रहे। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा स्थापित की, उपस्थित जनसमूह भावविभोर होकर जय श्रीराम के उद्घोष में मग्न हो गया।

अयोध्या के पड़ोसी जिलों सुल्तानपुर, बस्ती, अंबेडकरनगर और बाराबंकी सहित उत्तर भारत के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रावस्ती से आए राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि वह १७ नवंबर को अयोध्या पहुँच गए थे और आज खुद को अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का गौरव वापस दिलाया है और शहर को स्वस्थ व सुंदर बनाया है।

श्रावस्ती के विश्वनाथ जायसवाल ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का कार्य ऐतिहासिक रहा है और पीएम मोदी-सीएम योगी ने वह किया है जो पूर्व में कोई नहीं कर सका। बिहार के गोपालगंज से आए एक रामभक्त ने हनुमान जी की वेशभूषा में अपने नृत्य और गायन से माहौल को भक्ति रस में रंग दिया।

दिल्ली से आई श्रद्धालु महिलाएं मधु, धारणा, संतोष और पूजा ने कहा कि राम मंदिर परिसर पहुंचते ही उन्हें देवलोक जैसी अनुभूति हुई।

संत रमाकांत शर्मा ने कहा कि वह पिछले २५ वर्षों से अयोध्या में आते-जाते रहते हैं। अयोध्या आधुनिक भी हुई है और अपनी त्रेतायुगीन झलक भी पा चुकी है। ढोल और मंजीरों के मधुर स्वरों के बीच संतों की टोली ने इस आयोजन को एक दिव्य सांस्कृतिक पर्व में परिवर्तित कर दिया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं रहा, बल्कि आस्था, इतिहास और आधुनिकता के संगम का जीवंत प्रतीक बनकर उदित हुआ, जिसमें अयोध्या ने अपनी आध्यात्मिक प्रतिष्ठा विश्व के सामने पुनः स्थापित की।

Point of View

बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धरोहर का प्रतीक भी। अयोध्या ने एक बार फिर से अपनी आध्यात्मिक प्रतिष्ठा को विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। यह सभी के लिए एक प्रेरणा है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखें।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

ध्वजारोहण का महत्व क्या है?
ध्वजारोहण एक धार्मिक अनुष्ठान है जो आस्था और सम्मान का प्रतीक है। यह अवसर भक्तों के लिए गर्व का पल होता है।
कौन-कौन से नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख नेता थे जो इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने।
इस कार्यक्रम में कितने लोग शामिल हुए?
हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जो अयोध्या के विभिन्न हिस्सों से आए थे।
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