क्या चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने मुझे समर्थन न देने की बात नहीं कही?: बी. सुदर्शन रेड्डी

सारांश
Key Takeaways
- बी. सुदर्शन रेड्डी का चुनावी दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
- उपराष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की भूमिका पर ध्यान देना होगा।
- ईसीआई के कदम चुनाव के पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे।
- चुनाव से संबंधित सभी जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाएगी।
- राधाकृष्णन और रेड्डी के बीच की प्रतिस्पर्धा पर नजरें बनी रहेंगी।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति पद के लिए, जबकि एक ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, विपक्षी 'इंडिया' ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी को चुना है। दोनों पक्ष अपनी जीत के दावे कर रहे हैं और मेल-मुलाकात का सिलसिला भी जारी है। इसी बीच, बी. सुदर्शन रेड्डी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने मुझे समर्थन न देने की बात नहीं कही।"
उपराष्ट्रपति पद के लिए 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए कहा, "भारत के संविधान की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। यह चुनाव सिर्फ दिखावा नहीं है। लोग पार्लियामेंट के सदस्यों को पार्टी के हिसाब से देख रहे हैं, लेकिन मतदान व्यक्तिगत रूप से होगा। मैं सभी से अपील करूंगा कि वे मुझे वोट दें।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के समर्थन को लेकर उन्होंने कहा, "नीतीश बाबू और चंद्रबाबू नायडू मुझे अच्छी तरह जानते हैं और मैं उन्हें भी जानता हूं। दोनों नेताओं ने अब तक यह नहीं कहा कि वे हमें समर्थन नहीं देंगे। उन्होंने बस इतना कहा है कि वे एनडीए में हैं और एनडीए के उम्मीदवार के साथ चलना पड़ेगा।"
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि 'इंडिया' ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी पर दांव खेला है। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
दोनों उम्मीदवारों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होंगे और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भारत सरकार के अपर सचिव रैंक के दो अधिकारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।