क्या बंगाल में 'द बंगाल फाइल्स' पर विवाद है? विशेष स्क्रीनिंग के बीच प्रतिक्रियाएं

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क्या बंगाल में 'द बंगाल फाइल्स' पर विवाद है? विशेष स्क्रीनिंग के बीच प्रतिक्रियाएं

सारांश

कोलकाता में 'द बंगाल फाइल्स' पर चल रहे विवाद ने दर्शकों को एकजुट किया है। फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग में दर्शकों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। राजनीतिक बयानों ने इस मुद्दे को और भी तूल दिया है। क्या यह फिल्म बंगाल के इतिहास को उजागर करने में सफल होगी?

Key Takeaways

  • 'द बंगाल फाइल्स' विवादास्पद फिल्म है जो बंगाल के इतिहास पर प्रकाश डालती है।
  • फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के माध्यम से दर्शकों को इसे देखने का मौका मिल रहा है।
  • राजनीतिक बयानबाजी ने इस फिल्म के प्रदर्शित होने पर असर डाला है।

कोलकाता, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' पूरे देश के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इस पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं है, फिर भी इसे सिनेमा घरों में नहीं दिखाया जा रहा है। हालांकि, कुछ स्थानों पर इस फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई है, जहां दर्शकों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। इस बीच, फिल्म को लेकर राजनीतिक विवाद भी उभर रहा है।

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी एमएलए अशोक डिंडा ने फिल्म पर प्रतिबंध को लेकर टीएमसी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी बंगाल के इतिहास को छिपाना चाहती हैं। 'डायरेक्ट एक्शन डे' की असलियत इस फिल्म में उजागर की गई है। अगर बंगाल की जनता इसे देख लेगी, तो 2026 के विधानसभा चुनाव में हिंदू एकजुट हो सकते हैं। यही वजह है कि इसे यहाँ प्रदर्शित नहीं होने दिया जा रहा।"

डिंडा ने आगे कहा कि विशेष स्क्रीनिंग के माध्यम से जनता को इस फिल्म को देखने का मौका दिया जा रहा है। उन्होंने टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "टीएमसी के ज्यादातर नेता और मंत्री पूर्व में सीपीएम के गुंडे थे। आज वही लोग सत्ता में हैं।"

वहीं, त्रिपुरा के पूर्व गवर्नर तथागत रॉय ने भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंबे समय से मुस्लिम वोटों के तुष्टीकरण में लगी हैं। उन्हें डर है कि अगर हिंदू समुदाय, जो राज्य में बहुसंख्यक है, इस फिल्म को देखेगा, तो उनके वोट टीएमसी के खिलाफ जा सकते हैं।"

रॉय ने आरोप लगाया कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं को भेजकर स्क्रीनिंग को बाधित करने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, "फिल्म में पूर्वी बंगाल और पूर्वी पाकिस्तान के सच को दिखाया गया है, जो मुख्यमंत्री को स्वीकार नहीं है। इसलिए इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।"

जब रॉय से पूछा गया कि क्या 'द बंगाल फाइल्स' एक प्रोपेगेंडा फिल्म है, तो उन्होंने जवाब दिया, "इसमें दिखाए गए तथ्य गलत नहीं हैं। कोई भी यह नहीं कह रहा कि फिल्म में झूठ दिखाया गया है।"

बीजेपी एमपी सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "यहां की स्थिति ऐसी हो गई है कि बंगाल के एक भी सिनेमा हॉल में द बंगाल फाइल्स रिलीज नहीं हो पा रही है, लेकिन पूरे देश में यह फिल्म चल रही है। बंगाल की स्थिति ऐसी है कि यहाँ सभी को इसे देखना पड़ रहा है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हकीकत बयां कर रही है। आप इतिहास को जाने बिना भविष्य को उज्जवल नहीं बना सकते। किसी को भी कला में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। लेकिन, बंगाल की स्थिति ऐसी है कि इसे यहाँ प्रदर्शित नहीं होने दिया जा रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि 'द बंगाल फाइल्स' एक महत्वपूर्ण फिल्म है जो एक संवेदनशील मुद्दे पर प्रकाश डालती है। राजनीतिक दबावों के बावजूद, दर्शकों की प्रतिक्रियाएं इस बात का संकेत हैं कि लोग सच्चाई जानने के लिए उत्सुक हैं। हमें ऐसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और सच्चाई को जानने का हक सभी को है।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'द बंगाल फाइल्स' एक प्रोपेगेंडा फिल्म है?
इसमें दिखाए गए तथ्य गलत नहीं हैं। कोई भी यह नहीं कह रहा कि फिल्म में झूठ दिखाया गया है।
क्यों बंगाल में इस फिल्म को नहीं दिखाया जा रहा?
बंगाल की सरकार को डर है कि फिल्म के माध्यम से हिंदू समुदाय एकजुट हो सकता है।
क्या विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया है?
हाँ, कुछ स्थानों पर विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई है।