क्या बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान 1 अगस्त से लागू होंगे?

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क्या बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान 1 अगस्त से लागू होंगे?

सारांश

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने के लिए बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है। यह अधिनियम जमाकर्ताओं और निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाने और बैंकिंग प्रशासन में सुधार का प्रयास करता है। जानें इसके प्रमुख प्रावधान क्या हैं।

Key Takeaways

  • बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 1 अगस्त से लागू होगा।
  • जमाकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
  • सहकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल 10 वर्ष कर दिया गया है।
  • बैंकिंग प्रशासन में सुधार के लिए ऑडिट गुणवत्ता में वृद्धि की जाएगी।
  • बिना दावे वाले शेयरों को आईईपीएफ में ट्रांसफर किया जाएगा।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 अगले महीने 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासनिक मानकों में सुधार करना और जमाकर्ताओं एवं निवेशकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इस वर्ष 15 अप्रैल को अधिसूचित किए गए इस अधिनियम का इरादा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता में सुधार लाना और सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों को छोड़कर) का कार्यकाल बढ़ाना है।

इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत, ब्याज की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए किया जाएगा, जो कि 1968 से अपरिवर्तित रही है।

इसके अतिरिक्त, ये प्रावधान सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल को 97वें संविधान संशोधन के अनुरूप स्थापित करते हैं, जिसमें अधिकतम कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) किया गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अब बिना दावे वाले शेयरों, ब्याज और बॉंड रिडेम्पशन राशि को इंवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (आईईपीएफ) में ट्रांसफर करने की अनुमति होगी, जिससे वे कंपनी अधिनियम के तहत कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रथाओं के अनुरूप हो जाएंगे।

ये संशोधन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों को पारिश्रमिक प्रदान करने, उच्च-गुणवत्ता वाले लेखा परीक्षा पेशेवरों की नियुक्ति को सुगम बनाने और लेखा परीक्षा मानकों में सुधार का अधिकार भी देते हैं।

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इन प्रावधानों का कार्यान्वयन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के कानूनी, नियामक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 में पाँच कानूनों जैसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और 1980 में कुल 19 संशोधन शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 (2025 की 16) की धारा 3, 4, 5, 15, 16, 17, 18, 19 और 20 के प्रावधानों के लागू होने की तिथि 1 अगस्त, 2025 अधिसूचित की है, जैसा कि 29 जुलाई, 2025 की राजपत्र अधिनियन के माध्यम से अधिसूचित किया गया है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 का कार्यान्वयन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा। यह अधिनियम न केवल प्रशासनिक मानकों में सुधार लाएगा, बल्कि जमाकर्ताओं और निवेशकों के लिए सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। यह कदम देश के आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासनिक मानकों में सुधार लाना और जमाकर्ताओं एवं निवेशकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
क्या इस अधिनियम में निदेशकों के कार्यकाल में परिवर्तन किया गया है?
हाँ, इस अधिनियम के तहत सहकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है।
कब से यह अधिनियम लागू होगा?
यह अधिनियम 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा।
इस अधिनियम में कितने कानूनों में संशोधन किया गया है?
इस अधिनियम में कुल 19 संशोधन किए गए हैं।
इसका प्रभाव क्या होगा?
इसका प्रभाव भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के कानूनी, नियामक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में पड़ेगा।