क्या बरेली में बुलडोजर की कार्रवाई राजनीतिक साजिश है?

सारांश
Key Takeaways
- बरेली में बुलडोजर की कार्रवाई ने राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है।
- मोहसिन रजा ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
- प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
बरेली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के निकट सहयोगी मोहसिन रजा के निवास पर मंगलवार को बुलडोजर चलाने की कार्रवाई हुई। इस घटना ने स्थानीय राजनीति में एक नया तनाव उत्पन्न कर दिया है। मोहसिन रजा ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीतिक साजिश बताया है।
उन्होंने कहा, "मेरा तौकीर रजा से कोई संबंध नहीं है, न कभी था। मैं 2005 में इत्तेहाद छोड़ चुका हूं। यह सब आंवला के भाजपा के जिला अध्यक्ष के इशारे पर हो रहा है। इससे पहले भी उनके खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। मेरे भाई पर भी इसी के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। जो कुछ भी हो रहा है, वह सब उन्हीं के कहने पर हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि उनके खिलाफ बुलडोजर चलाने की कार्रवाई भी भाजपा के दबाव में की गई थी। इसके बाद, उन्होंने कोर्ट में स्टे ले लिया और कंपाउंडिंग फीस भी जमा कर दी है।
मोहसिन रजा ने बताया कि उनके मकान का नक्शा 1971 का है और उसी समय उनका मकान बना था। उन्होंने बताया, "2024 में हमें नोटिस दिया गया था, जिसके खिलाफ मैंने कोर्ट में याचिका दायर की थी। फिलहाल मेरे पास स्टे की कॉपी है, जिसे मैंने संबंधित अधिकारियों को भी सौंप दी है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि 2005 के बाद उनका तौकीर रजा या आईएमसी से कोई संबंध नहीं है।
मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि बुलडोजर की यह कार्रवाई आंवला के भाजपा जिला अध्यक्ष के कहने पर की गई है। उनका कहना था कि यह पूरी घटना राजनीतिक दांव-पेंच का हिस्सा है, जिससे उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
वहीं, प्रशासन ने इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और लोगों की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।