क्या कांग्रेस को बेगूसराय में हार की वजह समझ में आई?

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क्या कांग्रेस को बेगूसराय में हार की वजह समझ में आई?

सारांश

बेगूसराय में कांग्रेस की हार के पीछे के कारणों पर स्थानीय लोगों का नजरिया। क्या राजद का साथ छोड़ने से कांग्रेस को मदद मिलेगी? जानिए इस चुनावी समीकरण की हकीकत।

Key Takeaways

  • लोकल समस्याओं को समझना आवश्यक है।
  • सार्थक कार्य ही वोट दिला सकते हैं।
  • राजद का साथ छोड़ना कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क जरूरी है।
  • जंगलराज के असर को भुलाया नहीं जा सकता।

बेगूसराय, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के बेगूसराय में कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने मिलकर प्रचार किया। इस प्रचार के दौरान, दोनों नेताओं ने स्थानीय मछुआरों के साथ तालाब में जाकर मछलियाँ भी पकड़ीं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा में रहा।

फिर भी, कांग्रेस इस सीट पर हार गई। अब स्थानीय निवासियों का कहना है कि सहनी समुदाय का वोट पाने के लिए कांग्रेस को राजद का साथ छोड़ना होगा।

बेगूसराय के शंख गाँव के स्थानीय लोगों ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार की वजह क्या थी।

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि चुनाव हारने का मुख्य कारण यह है कि सभी ने लालू यादव के शासन को देखा है। उनके कार्यकाल में, 'जंगलराज' के दौरान, आम जनता भी सुरक्षित नहीं थी। चाहे मुकेश सहनी हों या राहुल गांधी, उन्होंने जनता द्वारा अस्वीकार किए गए लोगों के साथ गठबंधन किया। यही वजह है कि कई स्थानीय लोग उन्हें समर्थन नहीं दे पाए।

एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि राहुल गांधी आए और मछलियाँ पकड़ीं, लेकिन वे मरी हुई थीं, इसलिए उन्हें यहाँ वोट नहीं मिल रहे हैं। वोट तभी मिलते हैं, जब आप कुछ सार्थक करते हैं। सहनी समुदाय अपना वोट तभी देता है, जब उन्हें कोई ठोस काम दिखाई देता है।

इस मामले पर एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि यह सिर्फ दिखावे की तरह था। राहुल गांधी आए और तालाब में कूद गए, लेकिन जो मछलियाँ पकड़ीं, वे मरी हुई थीं, जो बाजार में बिकने योग्य नहीं थीं। सहनी समुदाय का वोट जीतने के लिए कांग्रेस को राजद का साथ छोड़ना होगा, क्योंकि लोग 'जंगलराज' के प्रभाव को नहीं भूले हैं। उनका असर आज भी याद है। कांग्रेस को बिहार में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना होगा। जब तक वे राजद के साथ गठबंधन में रहेंगे, सहनी समुदाय उन्हें स्वीकार नहीं करेगा।

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि लगातार लोगों से मिलने से ही आपको उनके वोट मिलेंगे। सिर्फ एक दिन के लिए आने से कुछ हासिल नहीं होगा।

Point of View

जो क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद करती है। कांग्रेस को अपने सहयोगियों के साथ-साथ जनता की अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना होगा।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या कांग्रेस को राजद का साथ छोड़ना चाहिए?
स्थानीय लोगों का मानना है कि राजद का साथ छोड़ने से कांग्रेस को सहनी समुदाय का वोट मिल सकता है।
राहुल गांधी का प्रचार कितना प्रभावी रहा?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रचार दिखावटी था और इससे वोट नहीं मिले।
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