क्या बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो-प्रेशर सिस्टम तेज होगा? तमिलनाडु में भारी बारिश का अनुमान

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क्या बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो-प्रेशर सिस्टम तेज होगा? तमिलनाडु में भारी बारिश का अनुमान

सारांश

बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए लो-प्रेशर सिस्टम के कारण तमिलनाडु के कई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। क्या यह सिस्टम अगले 48 घंटों में और तेज होगा? जानें इसके प्रभाव और सावधानियों के बारे में।

Key Takeaways

  • बंगाल की खाड़ी में नया लो-प्रेशर सिस्टम बन रहा है।
  • 48 घंटों में तामिलनाडु में भारी बारिश की संभावना।
  • स्थानीय अधिकारियों को सतर्क किया गया है।
  • मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।
  • लोगों को सावधान रहने की अपील की गई है।

चेन्नई, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया लो-प्रेशर सिस्टम अगले 48 घंटों में और अधिक सक्रिय होने की संभावना है।

मौसम के मॉडल यह संकेत दे रहे हैं कि कोमोरिन सागर और उसके आस-पास का क्षेत्र एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव में है, जो धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और एक ज्यादा संगठित लो-प्रेशर एरिया में बदल सकता है।

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि शुक्रवार या उसके अगले दिन बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक और लो-प्रेशर सिस्टम बनने की संभावना है। यह सिस्टम पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 48 घंटों के भीतर मजबूत हो सकता है। यदि परिस्थितियाँ अनुकूल रहीं, तो यह डिस्टर्बेंस और बढ़कर डिप्रेशन में परिवर्तित हो सकता है, जिससे तमिलनाडु के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है।

मौसम में हो रहे परिवर्तनों के कारण, आज मयिलादुथुराई और कुड्डालोर जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है, और तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।

स्थानीय अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है और डिजास्टर रिस्पांस टीमों को तैयार रहने की सलाह दी गई है। चेन्नई और उसके आस-पास के उपनगरीय क्षेत्रों में भी गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है।

आईएमडी के अधिकारियों ने बताया कि शाम के समय कन्वेक्टिव एक्टिविटी बढ़ने की संभावना है, जिससे अचानक तेज बारिश हो सकती है। लोगों से बिजली कड़कने के समय सतर्क रहने और खुली जगहों और जलlogged क्षेत्रों से बचने की अपील की गई है।

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र में न जाएं, खासकर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और आस-पास के जल में, क्योंकि बन रहे सिस्टम के कारण हवा की गति में वृद्धि हो सकती है। समुद्र की स्थिति खराब हो सकती है, जिससे छोटी नावों और ट्रॉलरों को खतरा हो सकता है।

मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि नॉर्थ ईस्ट मानसून के इस चरण में यह क्षेत्र में दूसरा बड़ा डिस्टर्बेंस बन रहा है।

खाड़ी के ऊपर नमी वाली हवाओं के मजबूत होने से, तमिलनाडु में अगले कुछ दिनों में, विशेष रूप से तट के किनारे, अधिक बारिश होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा है कि वह इस सिस्टम पर करीबी नजर रखेगा और समय पर अपडेट जारी करेगा। लोगों से सलाह दी गई है कि वे आधिकारिक मौसम बुलेटिन देखें और भारी बारिश के दौरान आवश्यक सावधानी बरतें।

Point of View

बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो-प्रेशर सिस्टम के चलते तमिलनाडु में भारी बारिश होने की संभावना है। यह मौसम परिवर्तन हमें यह याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक रहना कितना आवश्यक है।
NationPress
20/11/2025

Frequently Asked Questions

बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर सिस्टम का क्या प्रभाव होता है?
लो-प्रेशर सिस्टम बनने से आमतौर पर बारिश और तेज हवाएँ होती हैं, जिससे बाढ़ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
क्या मछुआरे समुद्र में जा सकते हैं?
नहीं, मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र में न जाएं, क्योंकि मौसम खराब हो सकता है।
कौन-कौन से जिलों में बारिश होने की संभावना है?
मयिलादुथुराई और कुड्डालोर जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
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