क्या सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स में रोजाना एक बंगाली फिल्म दिखाना अनिवार्य होगा? ममता सरकार का नया निर्णय

सारांश
Key Takeaways
- सिनेमाघरों में सभी प्राइम टाइम शो में एक बंगाली फिल्म दिखाना अनिवार्य होगा।
- प्राइम टाइम का नया समय दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे किया गया है।
- यह निर्णय बंगाली सिनेमा के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है।
- नियम का उल्लंघन करने पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी।
- इस फैसले को सिनेमा उद्योग के विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है।
कोलकाता, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल सरकार ने सिनेमाघरों में प्राइम टाइम के समय में बदलाव और बंगाली फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब राज्य के सिनेमाघरों में प्राइम टाइम शो दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जो पहले दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक था।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी सिनेमाघरों के लिए प्राइम टाइम शो में कम से कम एक बंगाली फिल्म दिखाना अनिवार्य होगा। मल्टीप्लेक्स के लिए भी हर स्क्रीन पर इस दौरान एक बंगाली फिल्म प्रदर्शित करना आवश्यक होगा। नियम का पालन न करने पर राज्य सरकार उचित कार्रवाई करेगी।
बंगाल सरकार के इस फैसले पर फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष स्वरूप बिस्वास ने कहा, "हम इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आभार व्यक्त करते हैं।"
सिनेमा हॉल मालिक सुरंजन पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारे यहां अधिकतर बंगाली फिल्में ही चलाई जाती हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि हर फिल्म को प्राइम टाइम शो में जगह दी जाएगी।"
बंगाली अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "यह एक अच्छा निर्णय है, क्योंकि हम लंबे समय से बंगाली फिल्मों को प्राइम टाइम शो के लिए आवाज उठा रहे थे।"
गौरतलब है कि बंगाल सरकार ने यह निर्णय बुधवार को कोलकाता के नंदन में आयोजित एक बैठक के बाद लिया है, जिसमें राज्य के दो मंत्रियों, अरूप विश्वास और इंद्रनील सेन, के साथ रितुपर्णा सेनगुप्ता, फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष, सिनेमा हॉल मालिक, निर्देशक, वितरक और कार्यकारी मौजूद थे।