क्या 'शशकासन' भागदौड़ भरी जीवनशैली के तनाव से राहत दिला सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- तनाव को कम करने में सहायक है।
- रीढ़ और कंधों को आराम देता है।
- मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
- पाचन क्रिया में सुधार करता है।
- गैस और मधुमेह के नियंत्रण में सहायक।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल ऑफिस और घरेलू कामों की भागदौड़ में हमारी जीवनशैली पूरी तरह से असंतुलित हो गई है, जिससे तनाव और चिंता एक आम समस्या बन गई है। ऐसे में योग का अभ्यास आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है 'शशकासन'। यह एक बहुत ही सरल, सहज और मन को शांति देने वाला आसन माना जाता है।
इसके नियमित अभ्यास से न केवल रीढ़, कंधों और पीठ को आराम मिलता है, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है।
'शशकासन' को अंग्रेजी में रैबिट पोज भी कहा जाता है। 'शशक' का अर्थ है 'खरगोश'। जिस प्रकार एक खरगोश अपनी मांद में सुरक्षित महसूस करता है, उसी तरह यह आसन अभ्यास करने वाले को आराम और संतोष देता है।
इसे करने के लिए आप योगा मैट पर व्रजासन में बैठें (पैर मोड़कर बैठें और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें)। अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचें और शरीर को धीरे-धीरे नीचे की ओर ले जाएं। अब माथे और हाथों की हथेलियों को जमीन पर रखें। इस स्थिति में अपनी सुविधा के अनुसार बैठकर सामान्य स्थिति में आ जाएं। आप इस आसन को 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।
आयुष मंत्रालय भी 'शशकासन' का नियमित अभ्यास करने की सिफारिश करता है, क्योंकि इसके नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और पाचन क्रिया में सुधार होता है और यह पीठ की मांसपेशियों को भी आराम देता है।
शशांकासन से रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव होता है और लचीलापन आता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ की समस्याओं में भी आराम मिलता है।
इसके नियमित अभ्यास से पेट के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह तेज होता है। साथ ही, यह मधुमेह और गैस के नियंत्रण में भी मददगार है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि आप गंभीर स्वास्थ्य समस्या, पीठ दर्द, चक्कर या घुटनों की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसे करते समय सावधानी बरतें या पहले डॉक्टर की सलाह लें।