क्या अमेरिका में भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की बैठक ने सैन्य संबंधों को मजबूत किया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है।
- सैन्य अधिकारियों के बीच नियमित संवाद को बढ़ावा दिया गया।
- द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने पर बल दिया गया।
- मुक्त और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजना है।
- यह बैठक विश्वास और सहयोग का प्रतीक मानी जा रही है।
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए दोनों देशों के उच्च-ranking सैन्य अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक अमेरिका के हवाई में हुई और सोमवार तथा मंगलवार को चली।
यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की 22वीं बैठक थी, जो दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी के बढ़ते आयामों को स्पष्ट करती है।
बैठक में सैन्य प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, उभरती प्रौद्योगिकियों का साझा उपयोग, रक्षा उद्योग सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
भारत और अमेरिका के बीच सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता के साथ-साथ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। एकीकृत रक्षा स्टाफ के अनुसार, यह बैठक दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं के बीच नियमित संवाद को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व एकीकृत रक्षा स्टाफ (सीआईएससी) के प्रमुख, एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने किया, जबकि अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड, डिप्टी कमांडर, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने किया। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच गहन और परिणामोन्मुख चर्चा हुई।
इस वार्ता में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने, संयुक्त संचालन क्षमता को मज़बूत करने और मुक्त, खुले तथा सुरक्षित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच विश्वास और सहयोग का प्रतीक मानी जा रही है।
हाल ही में, भारत और अमेरिका ने मलेशिया के कुआलालंपुर में रक्षा साझेदारी पर एक ऐतिहासिक समझौता किया था। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ के साथ बैठक की, जिसमें 10 वर्षीय 'फ्रेमवर्क फॉर द यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप' पर हस्ताक्षर किए गए।
यह करार भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में एक नया मील का पत्थर माना जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह बैठक अत्यंत सार्थक रही और इससे हमारे पहले से मजबूत रक्षा सहयोग में एक नए युग की शुरुआत होगी।
उन्होंने बताया कि यह फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नई दिशा प्रदान करेगा और साझेदारी के नए दशक का शुभारंभ करेगा।