क्या भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन में सफल होंगी?

सारांश
Key Takeaways
- द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करना।
- काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन की क्षमता का विकास।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
- भविष्य के संयुक्त अभियानों की प्रभावशीलता में वृद्धि।
- क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति साझा संकल्प।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं एक विशेष युद्धाभ्यास के तहत काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। दोनों सेनाओं ने इमारत में छिपे आतंकवादियों को तलाशकर उन्हें खत्म करने का अभ्यास किया। यह संयुक्त अभ्यास, जो ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में चल रहा है, का नाम ‘ऑस्ट्राहिंद -2025’ है और यह इस अभ्यास का चौथा संस्करण है।
भारतीय सेना के अनुसार, यह अभ्यास 26 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करना तथा दोनों सेनाओं के बीच सामरिक तालमेल को बढ़ाना है।
भारतीय सेना ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस वर्ष के अभ्यास का मुख्य फोकस शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी स्तर पर संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभियानों पर है। मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों की सेनाएं इन क्षेत्रों में संयुक्त अभियान की क्षमता को और परिष्कृत कर रही हैं। इसके अलावा, इस अभ्यास में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के परिदृश्य पर आधारित अभ्यास भी शामिल हैं, जिसमें बहुराष्ट्रीय बलों द्वारा जटिल परिस्थितियों में काम करने की क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है।
अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैनिक विभिन्न टैक्टिकल ड्रिल्स, फायरिंग, युद्धक रणनीतियों और अनुभवों के आदान-प्रदान में भाग ले रहे हैं। इससे न केवल उनकी ऑपरेशनल क्षमता में वृद्धि हो रही है, बल्कि भविष्य के शांति अभियानों या मानवीय सहायता मिशनों में इंटरऑपरेबिलिटी यानी आपसी समन्वय की क्षमता भी मजबूत हो रही है। सैन्य अभियानों के अलावा, दोनों देशों के अधिकारी और जवान सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सेना द्वारा योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई सैनिक भी शामिल हुए। यहां, प्रशिक्षण अभ्यासों के अलावा, दोनों देशों के सैनिकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मित्रता को भी विशेष महत्व दिया जा रहा है। भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने अपने-अपने देशों की सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन किया, जिससे परस्पर समझ और सम्मान की भावना को बढ़ावा मिला। यह सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों सेनाओं के बीच दीर्घकालिक संबंधों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
‘ऑस्ट्राहिंद-2025’ अभ्यास के माध्यम से, दोनों सेनाएं एक-दूसरे के सर्वोत्तम अभ्यासों से सीखने का अवसर प्राप्त कर रही हैं। भारतीय सेना के मुताबिक, इससे भविष्य के संयुक्त अभियानों की प्रभावशीलता और बढ़ेगी। सेना का कहना है कि यह सहयोग न केवल भारत और ऑस्ट्रेलिया की रक्षा क्षमताओं को सशक्त करता है, बल्कि क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति उनके साझा संकल्प को भी पुन: पुष्ट करता है।