क्या भारत आज आंख में आंख डालकर जवाब देने वाला देश बन गया है? : शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
- शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हितों की सुरक्षा की बात की।
- स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की गई।
- विदेशी सामान को नकारने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूरे देश में भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में किसानों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'भारत माता की जय, जय जवान, जय किसान' के उद्घोष के साथ अपने भाषण की शुरुआत की और शहीद सैनिकों को याद किया। उन्होंने कहा, "आजादी चांदी की थाली में नहीं मिली, हजारों लोगों ने अपनी जान दी।"
चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाने के संदेश को दोहराते हुए कहा, "विदेशी उत्पाद हमारे पैसे को बाहर ले जाते हैं। पहले गांव-गांव में बनी चीजों का उपयोग होता था। दीपावली हमारे देवताओं की है, फिर हम विदेशी सामान क्यों अपनाते हैं?" उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की।
उन्होंने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि आज का भारत झुकेगा नहीं, बल्कि आंख में आंख डालकर जवाब देगा।
चौहान ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ हुए समझौतों का उल्लेख करते हुए कहा, "ब्रिटेन के साथ समझौता भारतीय किसानों को लाभान्वित करेगा, जिससे उनकी उपज बिना शुल्क के इंग्लैंड पहुंचेगी।" हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विदेशी सस्ते उत्पाद जैसे सोयाबीन या गेहूं भारतीय बाजारों में प्रवेश करेंगे, तो यह किसानों के लिए हानिकारक होगा।
उन्होंने कहा, "विदेशों में 10,000-30,000 हेक्टेयर के खेत हैं, जबकि हमारे किसानों के पास एक-दो एकड़ जमीन है। ऐसी स्थिति में प्रतिस्पर्धा संभव नहीं।"
चौहान ने पीएम मोदी के प्राकृतिक खेती मिशन का समर्थन करते हुए कहा कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि भारत आर्थिक गुलामी से मुक्त हो सके।
गौरतलब है कि भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की शक्ति पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने भारत में उत्पादन से जुड़े लोगों के लिए 'दाम कम, दम ज्यादा' का मूल मंत्र प्रदान किया।