क्या भारत के रियल एस्टेट सेक्टर का आकार 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- रियल एस्टेट सेक्टर का आकार 2047 तक 5-10 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है।
- इसका जीडीपी में योगदान 14-20 प्रतिशत तक होगा।
- तेज शहरीकरण और जनसांख्यिकीय बदलाव महत्वपूर्ण हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि से कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- नवाचार इस क्षेत्र के विकास को गति देंगे।
गुरुग्राम, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के रियल एस्टेट सेक्टर का आकार 2047 तक 5 से 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जबकि वर्तमान में यह लगभग 0.3 ट्रिलियन डॉलर है। यह जानकारी हाल ही में जारी की गई कोलियर्स-सीआईआई की एक रिपोर्ट में उपलब्ध कराई गई।
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र का योगदान 2047 तक देश की जीडीपी में 14 से 20 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है, और यह देश के विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।
रिपोर्ट का शीर्षक है "रियल एस्टेट @2047: भारत के भविष्य के विकास गलियारों का निर्माण" जिसमें आवासीय, कार्यालय, खुदरा, औद्योगिक और वेयरहाउसिंग जैसे मुख्य क्षेत्रों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास, को-लीविंग और डेटा सेंटर्स जैसे उभरते अल्टरनेटिव एसेट क्लास के बारे में जानकारी दी गई है।
इन रुझानों को सरकार द्वारा संचालित सुधार, नीतिगत पहलों, तेज शहरीकरण, जनसांख्यिकीय बदलाव, इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि, और तकनीकी नवाचारों से समर्थन मिला है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ये विकास इंजन मिलकर एक गुणक प्रभाव पैदा कर रहे हैं, जो रियल एस्टेट एसेट्स सेगमेंट में रोजगार और मांग को बढ़ावा दे रहे हैं, संस्थागत पूंजी को आकर्षित कर रहे हैं और देशभर में विकास के नए रास्ते खोल रहे हैं।
रियल एस्टेट में तेज शहरीकरण और बदलती जनसांख्यिकी का सबसे अधिक प्रभाव आवासीय क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है।
वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर-आधारित कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण से लाभ मिलेगा, जो टियर II और III शहरों में ऑफिस सेंटर्स और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के विकेंद्रीकरण का समर्थन करेगा।
सीआईआई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की उप सचिव, हरलीन कौर ने कहा: "भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार रियल एस्टेट परिदृश्य को नया रूप दे रहा है, नए विकास गलियारों को खोल रहा है और टियर II और III शहरों का कायाकल्प कर रहा है। रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर दो महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जो एक-दूसरे को मजबूती प्रदान करते हैं। एक्सप्रेसवे और औद्योगिक गलियारे कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाएंगे और शहरी विकास को गति देंगे, साथ ही व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य आर्थिक हॉटस्पॉट का निर्माण करेंगे।"
-राष्ट्र प्रेस
एबीएस/