क्या भारत के नए लेबर कोड का वैश्विक निकायों ने स्वागत किया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के नए लेबर कोड का स्वागत अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा किया गया है।
- ये सुधार सामाजिक सुरक्षा को मज़बूत करते हैं।
- मिनिमम वेज को सुधारने का प्रयास किया गया है।
- इन कोड से श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण होता है।
- ये कोड आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शनिवार को प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) और इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी एसोसिएशन (आईएसएसए) ने भारत द्वारा लागू किए गए चार नए लेबर कोड के निर्णय का स्वागत किया है।
वैश्विक निकायों ने इन सुधारों को सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने, मिनिमम वेज फ्रेमवर्क को सुधारने और संस्थागत क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है।
इन संगठनों ने इस पर जोर दिया कि भारत के प्रयास एक समावेशी और आधुनिक श्रम प्रणाली पर वैश्विक चर्चाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इन टिप्पणियों ने भारत की बढ़ती लीडरशिप को दर्शाया है जो ग्लोबल लेबर और सोशल सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को आकार देने में महत्वपूर्ण है।
आईएलओ के डायरेक्टर-जनरल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं भारत के नए लेबर कोड, जिसमें सोशल प्रोटेक्शन और मिनिमम वेज शामिल हैं, पर ध्यान दे रहा हूँ। सरकार, नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच सामाजिक संवाद बेहद आवश्यक है क्योंकि सुधारों के साथ यह सुनिश्चित किया जाता है कि नियम कर्मचारी और व्यवसाय दोनों के लिए सकारात्मक बने रहें।"
इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी एसोसिएशन ने भी एक्स पर एक श्रम मंत्रालय के पोस्ट को पुनः साझा करते हुए कहा कि भारत के लेबर कोड एक मजबूत और अधिक समावेशी सोशल सिक्योरिटी सिस्टम के लिए वैश्विक प्रयासों को गति देते हैं।
आईएसएसए ने एक्स पर लिखा, "आईएसएसए इस उपलब्धि का स्वागत करता है और कवरेज, प्रोटेक्शन और संस्थागत क्षमता में निरंतर निवेश को बढ़ावा देता है।"
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक्स पर नए लेबर कोड को भारत के श्रम परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव बताया।
मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, "सरकार ने चार लेबर कोड लागू किए हैं जो 29 कानूनों को एक आसान, पारदर्शी और भविष्य-तैयार ढांचे में जोड़ते हैं, जिससे कर्मचारी सशक्त होते हैं और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।"