क्या भारत के युवा वास्तव में राष्ट्र की सच्ची ताकत हैं? : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं की भूमिका राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण है।
- शिक्षा केवल करियर बनाने का माध्यम नहीं है।
- सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी में प्रेरणादायक समारोह आयोजित किया गया।
- रक्षा मंत्री ने पुणे की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की सराहना की।
- भारत के युवा असली ताकत हैं।
पुणे, १६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे में गुरुवार को सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का छठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच साझा किया। समारोह में महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह और विशिष्ट अतिथि देवेंद्र फडणवीस ने विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और सम्मान चिन्ह प्रदान किए।
इस अवसर पर कुलाधिपति, कुलपति और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मंच पर उपस्थित रहे। पूरा परिसर उत्साह, उल्लास और गौरव से सराबोर था। विद्यार्थियों के चेहरे पर सफलता और नए जीवन की शुरुआत का आत्मविश्वास झलक रहा था।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिम्बायोसिस के दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना उनके लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन केवल डिग्री प्राप्त करने का नहीं, बल्कि सपनों को साकार करने की दिशा में एक नया कदम बढ़ाने का प्रतीक है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी शिक्षा को केवल करियर बनाने का साधन न मानें, बल्कि देश के विकास में योगदान देने का एक माध्यम बनाएं।
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में पुणे और महाराष्ट्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि पुणे की धरती न केवल मराठा शक्ति का केंद्र रही है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना, शिक्षा और राष्ट्रवाद का भी प्रमुख केंद्र रही है। छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज से लेकर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के पूर्ण स्वराज तक की यात्रा में इस भूमि ने अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि भारत के युवा ही राष्ट्र की सच्ची ताकत हैं और आज की शिक्षा प्रणाली को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए कि छात्र केवल रोजगार पाने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। ऐसे संस्थान देश के भविष्य को मजबूत आधार दे रहे हैं।
यह समारोह देशभक्ति, प्रेरणा और नए संकल्प के भावों से परिपूर्ण रहा।