क्या भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने रूस से कच्चे तेल खरीदकर वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर किया है।
- रूस विश्व का सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा स्थिरता में योगदान दिया है।
- भारत ने क्लीन कुकिंग गैस उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
- भारत का अन्वेषण क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य है।
नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी है कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एक अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में मंत्री पुरी ने बताया, "रूस प्रतिदिन 90 लाख बैरल से अधिक कच्चे तेल का उत्पादन करता है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक बनाता है। सोचिए, यदि यह तेल, जो वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत है, अचानक बाजार से गायब हो जाता, तो परिणाम क्या होते? इससे दुनिया को अपनी खपत में कमी लानी पड़ती और कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक हो जातीं।"
उन्होंने यह भी कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने वैश्विक ऊर्जा मूल्य स्थिरता में सकारात्मक योगदान दिया है। साथ ही, हमने ऊर्जा की उपलब्धता, सस्ती कीमतों और स्थिरता की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।"
मंत्री ने बताया कि रूस के तेल पर कभी भी वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगे।
उन्होंने कहा, "दुनिया के समझदार निर्णयकर्ता जानते हैं कि भारत एक निश्चित मूल्य सीमा के भीतर रियायती तेल खरीदकर वैश्विक बाजारों की मदद कर रहा है।"
मंत्री पुरी ने यह भी बताया कि भारत अपने 33 करोड़ घरों को सबसे कम कीमतों पर क्लीन कुकिंग गैस प्रदान कर रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ परिवारों को केवल 0.4 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर पर गैस उपलब्ध कराई जा रही है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भारत ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत 10वें दौर में 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नई ऊर्जा खोज और उत्खनन की योजना बना रहा है।
मंत्री ने जोर दिया कि भारत का लक्ष्य 2025 तक अन्वेषण क्षेत्र को 0.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 1.0 मिलियन वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाना है।