क्या हमारी विदेश नीति मजबूत है? भारत अपने हितों से नहीं करेगा समझौता: संजय उपाध्याय

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क्या हमारी विदेश नीति मजबूत है? भारत अपने हितों से नहीं करेगा समझौता: संजय उपाध्याय

सारांश

क्या भारत की विदेश नीति वास्तव में मजबूत है? जानें संजय उपाध्याय के विचारों के माध्यम से कि कैसे देश अपने हितों के लिए समझौता नहीं करेगा। अमेरिका के साथ संबंध और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उनकी महत्वपूर्ण टिप्पणी भी जानें।

Key Takeaways

  • भारत
  • ट्रंप के बयानों से भारत का बाजार प्रभावित नहीं होगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति मजबूत है।
  • जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का हटना ऐतिहासिक निर्णय है।
  • राम मंदिर का भूमि पूजन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक नई चेतावनी दी कि वे भारत पर टैरिफ में अत्यधिक वृद्धि करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत 'भारी मुनाफे' के लिए खुले बाजार में रूसी तेल बेच रहा है।

भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने इस टैरिफ मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत की जो प्रतिक्रिया थी, वह नए भारत की ताकत का प्रतीक है। ट्रंप के बेतुके बयानों से अगर कोई बाजार गिरता है, तो वह उनकी असफलता का प्रमाण है, भारत की नहीं। भारत का शेयर बाजार मजबूत है, निवेश बढ़ रहा है और देश अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। रूस से सस्ता तेल खरीदना देश के हित में है और यह व्यापारिक दृष्टि से भी सही है। प्रधानमंत्री की विदेश नीति मजबूती से आगे बढ़ रही है और अमेरिका भी भारत की सौदेबाजी को मान्यता दे रहा है। भारत अपने हितों के लिए झुकेगा नहीं।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने की छठी वर्षगांठ पर उन्होंने कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं हो सकते। यह भाजपा की पुरानी मांग रही है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राणों की आहुति दी। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने के लिए भाजपा ने लंबे समय तक आंदोलन किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मजबूत सरकार ने जनता से किया वादा निभाया और 370 हटाई। जो लोग कहते थे कि खून की नदियां बहेंगी, उन्हें आज के कश्मीर में आए बदलाव को देखना चाहिए। यह राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय था।

राम मंदिर भूमि पूजन की पांचवी सालगिरह पर बीजेपी विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि मैं अयोध्या निवासी हूं और पहले रामलला के दर्शन के लिए बंदूकों के साये में लोहे की सरियों के बीच से गुजरना पड़ता था। कुछ क्षण दर्शन के लिए भी धक्का-मुक्की सहनी पड़ती थी। एक हिंदू होने के नाते दुख होता था कि अपने ही भगवान का दर्शन करना कितना कठिन है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन कर वह सपना पूरा किया। अब करोड़ों श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर पा रहे हैं। राम हमारे आस्था के केंद्र हैं और राहुल गांधी, अखिलेश यादव सनातन विरोधी हैं। इसलिए उन्होंने अभी तक भगवान रामलला का दर्शन नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ किया है। इस पर संजय उपाध्याय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह चार हफ्तों के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करे और पूरी चुनावी प्रक्रिया को पूरा करे।

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में स्थानीय संस्थाएं जैसे सरपंच, नगरसेवक और महापौर की बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि ये जनता से सीधे जुड़े होते हैं और स्थानीय समस्याएं जल्दी हल होती हैं। ओबीसी आरक्षण के कारण चुनाव रूके थे, जो अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संभव हो पाएंगे। हमें उम्मीद है कि जल्द ही चुनाव होंगे। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बेसब्री से नगरसेवक और महापौर के चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।

Point of View

भारत की विदेश नीति में मजबूती है और यह देश के हितों की रक्षा करती है। अमेरिका के साथ संबंधों में भी संतुलन बना रहना आवश्यक है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति और राम मंदिर का निर्माण जैसे मुद्दे भी राष्ट्रीय एकता और अखंडता को दर्शाते हैं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत की विदेश नीति क्या है?
भारत की विदेश नीति स्वतंत्रता, समानता और सुरक्षा के सिद्धांतों पर आधारित है।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के बारे में क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का महत्व क्या है?
अनुच्छेद 370 हटाने से जम्मू-कश्मीर में विकास और एकता को बढ़ावा मिला है।
राम मंदिर भूमि पूजन का क्या महत्व है?
राम मंदिर भूमि पूजन हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
सुप्रीम कोर्ट का ओबीसी आरक्षण पर फैसला क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ किया है।