क्या हमारी सेना साहस और स्वाभिमान का प्रतीक है? भारत को पीओके क्यों वापस मिलना चाहिए: आनंद दुबे

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं।
- पीओके की वापसी की मांग एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है।
- आरएसएस और भाजपा की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
मुंबई, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के लगभग 12 से 13 विमान नष्ट किए गए थे। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस बयान का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा, “हमारी सेना पर हमें पूरा विश्वास है। वह जो कहती है, उसे कर दिखाती है। सौ से अधिक आतंकवादियों को समाप्त करना सेना के साहस और देश के स्वाभिमान का प्रतीक है।”
आनंद दुबे ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पीओके हमें वापस मिलना चाहिए और पाकिस्तान का समूल नाश होना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी, लेकिन साथ ही सवाल भी उठाए।
उन्होंने कहा, “आरएसएस कहता है कि भारत सबका देश है, फिर उनके नेता इस्लाम और अन्य समुदायों के खिलाफ जहर क्यों उगलते हैं? आरएसएस ने भाजपा को बड़ा किया, लेकिन आज भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है।”
आनंद दुबे ने यह भी कहा कि शिवसेना और आरएसएस के बीच पुरानी मित्रता रही है, लेकिन जब भाजपा आरएसएस के योगदान को नकारती है, तो यह दुखद है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी ओर से 16-17 साल पुरानी बातें उठाना सही नहीं है। अगर दबाव था तो स्पष्ट करें, डॉ. मनमोहन सिंह पर आरोप न लगाएं, जिन्होंने देश को सफलतापूर्वक संभाला। मनीष तिवारी और पी चिदंबरम दोनों कांग्रेस के नेता हैं, उन्हें ही स्पष्टीकरण देना चाहिए। अब देश की प्राथमिकता पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करना है। हमारी सेना को मौका मिलने पर पीओके वापस लेना चाहिए और ब्लूचिस्तान को न्याय दिलाना चाहिए। सेना घर में घुसकर पाकिस्तान को सबक सिखाएगी।
इस बीच, फिलिस्तीनी समूह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा शांति समझौते के तहत इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए सहमति जताई है। आनंद दुबे ने कहा कि अगर इजरायली बंधकों को हमास की कैद से रिहा किया जा रहा है तो यह एक स्वागतयोग्य कदम है। किसी भी बंधक को अपने घर और परिवार में वापस लौटना चाहिए। चाहे मध्यस्थता डोनाल्ड ट्रंप की हो या किसी अन्य नेता की, मानवता के लिए यह आवश्यक है। इजरायल-हमास युद्ध अब समाप्त होना चाहिए, दोनों पक्षों को समझदारी से काम लेना चाहिए और विश्व को आतंकवाद का विरोध करना चाहिए। निर्दोष नागरिकों की हत्या किसी भी पक्ष में गलत है, इसलिए दोनों को अब युद्धविराम करना चाहिए।