क्या भारतीय नारी केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि राष्ट्र की वास्तविक शिल्पकार हैं? ओम बिरला

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क्या भारतीय नारी केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि राष्ट्र की वास्तविक शिल्पकार हैं? ओम बिरला

सारांश

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिरुपति में महिला सशक्तिकरण पर सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने भारतीय नारी को राष्ट्र की शिल्पकार बताया और नारी शक्ति वंदन अधिनियम के महत्व पर प्रकाश डाला। जानें, कैसे नारी सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण होता है।

Key Takeaways

  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण कदम है।
  • महिला सशक्तिकरण एक सतत यात्रा है, जिसका उद्देश्य हर महिला को गरिमा और अवसर प्रदान करना है।
  • भारतीय नारी राष्ट्र की वास्तविक शिल्पकार हैं।
  • महिलाएं समाज की चेतना और संस्कृति की संरक्षक हैं।
  • नारी सशक्तिकरण ही राष्ट्र सशक्तिकरण है।

तिरुपति, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को तिरुपति में महिला सशक्तिकरण पर संसदीय और विधायी समितियों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय नारी केवल लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र की असली शिल्पकार हैं। वे समाज की चेतना, संस्कृति की संरक्षक और विकास की धुरी हैं।

ओम बिरला ने बताया कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संवैधानिक परिवर्तन है। यह हमारी संसद के नए भवन में पारित पहला विधेयक है, जिसने महिला नेतृत्व की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि संविधान सभा में द्रौपदी देवी, हंसा मेहता, दुर्गाबाई देशमुख जैसी महिलाओं ने अपने विचारों और संघर्षों से लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया। आज वही परंपरा आगे बढ़ाते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं को शासन व्यवस्था में प्रभावी भागीदारी देकर हमारे लोकतंत्र को और अधिक समतामूलक बना रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण एक क्षणिक प्रयास नहीं है, बल्कि यह एक सतत यात्रा है, जिसका लक्ष्य हर महिला को गरिमा, अवसर और स्वावलंबन प्रदान करना है। ‘विकसित भारत के लिए महिला-नेतृत्व वाला विकास’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है।

भारत की नारी शक्ति स्व-सहायता समूहों से लेकर अंतरिक्ष अनुसंधान तक सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और राष्ट्र निर्माण की नई राह प्रशस्त कर रही है। वास्तव में, नारी सशक्तिकरण ही राष्ट्र सशक्तिकरण है।

इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण, आंध्र प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष अय्याना पत्रुडु, उपाध्यक्ष रघुराम कृष्णम राजू, लोकसभा महिला समिति की अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानमंडलों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर समितियों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिरुपति जिले के तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की।

ओम बिरला शनिवार शाम तिरुमला पहुंचे और श्रीकृष्ण विश्राम गृह में रात्रि विश्राम किया। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष बीआर नायडू और अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

दर्शन के बाद, ओम बिरला ने रंगनायकुला मंडपम में पुजारियों से वैदिक आशीर्वाद लिया। टीटीडी के अध्यक्ष ने उन्हें एक पवित्र शॉल (शेष वस्त्रम) से सम्मानित किया और प्रसादम तथा पवित्र जल भेंट किया। इस दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे।

ओम बिरला ने सदियों पुराने मंदिर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि तिरुमाला के दर्शन और भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करना एक गहन आध्यात्मिक अनुभव था।

Point of View

बल्कि एक वास्तविकता बन रहा है। ओम बिरला द्वारा किए गए उद्घाटन से यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं न केवल समाज की संरक्षक हैं, बल्कि राष्ट्र के निर्माण में भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कदम न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि समग्र समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

महिला सशक्तिकरण का क्या महत्व है?
महिला सशक्तिकरण न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि समाज में समानता और न्याय स्थापित करने में मदद करता है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है?
यह अधिनियम महिलाओं को राजनीति में अधिक भागीदारी का अवसर प्रदान करता है और उनके सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय नारी की भूमिका क्या है?
भारतीय नारी विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।