क्या महाराष्ट्र में भाषा पर राजनीति बेहद घटिया है? : दिनेश लाल यादव

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क्या महाराष्ट्र में भाषा पर राजनीति बेहद घटिया है? : दिनेश लाल यादव

सारांश

महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर दिनेश लाल यादव ने घटिया राजनीति की निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत की खूबसूरती उसकी विविधता में है। जानिए उनके विचारों के पीछे की गहराई।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र में भाषा विवाद ने राजनीतिक गर्माहट बढ़ाई है।
  • दिनेश लाल यादव ने घटिया राजनीति की निंदा की।
  • भारत की विविधता उसकी ताकत है।
  • जोड़ने वाली राजनीति की आवश्यकता है।
  • भोजपुरी सिनेमा में बदलाव की आवश्यकता है।

पटना, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद का मुद्दा गर्म हो गया है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने इसे घटिया राजनीति करार दिया।

दिनेश लाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत में महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर हो रही राजनीति की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह बहुत ही घटिया राजनीति है। ऐसी राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत की सुंदरता यही है कि यहां विभिन्न भाषाएं बोलने वाले, विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों के लोग एक साथ रहते हैं। अनेकता में एकता ही भारत की पहचान है। यदि कोई इसे खराब करना चाहता है तो यह उचित नहीं है। ऐसे लोगों को जवाब मिलना चाहिए। जो ऐसा कर रहे हैं, वे गलत कर रहे हैं। उन्हें अपने राज्य की छवि को बदनाम करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इसको कमजोर करने का काम नहीं करना चाहिए। अगर राजनीति करनी ही है तो जोड़ने की राजनीति करनी चाहिए, न कि तोड़ने की राजनीति।"

बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, "जिस प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बदलाव आया है, वह आशाजनक है। बिहार विकास की दिशा में आगे बढ़े, इसके लिए एनडीए को जनता का समर्थन मिलेगा। जनता ने देखा है कि हम पहले से बिहार में सक्रिय हैं। हम गांव-गांव जाकर लोगों से मिलते हैं। हमने पहले का बिहार देखा है और वर्तमान का भी। जिस प्रकार नीतीश कुमार ने बिहार को बदला है, इसे और आगे बढ़ाने के लिए एनडीए की सरकार आनी चाहिए।"

अपनी फिल्म 'हमार नाम बा कन्हैया' के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे परिवार के साथ देखा जा सकता है और आनंद लिया जा सकता है। एक नई शुरुआत की गई है। हम दर्शकों से अनुरोध करते हैं कि वे अपने परिवार के साथ इस फिल्म को देखें। भोजपुरी सिनेमा पर अक्सर आरोप लगता था कि परिवार के साथ देखने लायक फिल्में नहीं बनती हैं। हमने इसकी शुरुआत की है। हमें उम्मीद है कि जनता को यह फिल्म बहुत पसंद आएगी। जहां पर फिल्म लगी है, लोग इसे बहुत प्यार और आशीर्वाद दे रहे हैं।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि भाषा विवाद जैसे मुद्दे देश की एकता के लिए चुनौती बन सकते हैं। हमें जोड़ने वाली राजनीति की आवश्यकता है, न कि तोड़ने वाली। यही भारत का असली स्वरूप है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भाषा विवाद का मुख्य मुद्दा क्या है?
भाषा विवाद का मुख्य मुद्दा विभिन्न भाषाओं के बीच तनाव और राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल है।
दिनेश लाल यादव का इस विवाद पर क्या कहना है?
दिनेश लाल यादव ने इसे घटिया राजनीति करार दिया है और जोड़ने की राजनीति की आवश्यकता की बात की है।