क्या 'भूरा बाल साफ करो' के बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी?

सारांश
Key Takeaways
- भूरा बाल साफ करो का नारा 1990 के दशक से चर्चित है।
- राजद विधायक रंजीत यादव की सभा में यह नारा गूंजा।
- उपमुख्यमंत्री ने राजद को चेतावनी दी।
- राजद प्रवक्ता ने इस नारे से दूरी बनाई।
- राजद को चुनाव में कम सीटों पर सिमटने की आशंका।
पटना, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजनीति में 'भूरा बाल साफ करो' का नारा उभरने से माहौल गर्म हो गया है। यह नारा 1990 के दशक में सामने आया था, जब इसे भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला (कायस्थ) जैसी सवर्ण जातियों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए अपनाया गया था। इस समय यह नारा बिहार में राजद विधायक रंजीत यादव की सभा के दौरान गूंजा है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राजद को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में किसी की हिम्मत नहीं है कि 'भूरा बाल साफ कर सके।'
इस पर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध कुमार मेहता ने उस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि जहां भी ऐसी टिप्पणियाँ की गई हैं, राजद का उनसे कोई संबंध नहीं है।
शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में राजद प्रवक्ता प्रो. सुबोध कुमार मेहता ने कहा कि समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, सामाजिक क्रांति और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति राजद समर्पित है। इस तरह के घटिया हथकंडे वे लोग अपनाते हैं जो नहीं चाहते कि बहुजन नेता सत्ता में आएं। पिछले 25-30 वर्षों से हर चुनाव के दौरान 'भूरा बाल साफ़ करो' का यह नैरेटिव लाया जाता है, जबकि इसका कोई आधार नहीं है। चुनावों में यह बयान आता है और फिर कहीं खो जाता है।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार से लोगों के पलायन के पीछे राजद ने जहर घोलना शुरू कर दिया है। लालू प्रसाद यादव और उनके दल की मानसिकता इस बयान से स्पष्ट झलकती है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि यह समय 1990 नहीं है, बल्कि 2025 है। 2010 में 22 सीटों पर सिमटने वाली राजद इस बार और भी कम सीटों पर सिमटने वाली है।