क्या भोपाल के गरीब मजदूरों ने 'जी राम जी' बिल के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया?
सारांश
Key Takeaways
- श्रमिकों को 125 दिनों की मजदूरी मिल रही है।
- 'जी राम जी' बिल का उद्देश्य आत्मनिर्भरता है।
- सरकार ने श्रमिकों के लिए आर्थिक स्थिरता का प्रयास किया है।
भोपाल, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोपाल के गरीब श्रमिकों ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), जिसे 'विकसित भारत-जी राम जी' बिल कहा जाता है, के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। श्रमिकों का कहना है कि इस नई योजना से उन्हें अधिक दिनों की मजदूरी मिलेगी, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण बेहतर तरीके से कर सकेंगे। पहले मनरेगा में उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
कुछ गरीब श्रमिकों ने 'जी राम जी' बिल के संबंध में राष्ट्र प्रेस से बातचीत की।
वंदना ने बताया कि पहले मनरेगा में 100 दिन की मजदूरी मिलती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना में संशोधन कर 125 दिनों की मजदूरी देने का प्रावधान किया है। मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' बिल किया गया है, जिससे निश्चित रूप से हम सभी को बहुत लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि इससे घर का खर्च आसानी से चल सकेगा। इस ऐतिहासिक योजना के लिए पीएम मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बहुत-बहुत धन्यवाद।
मनरेगा में काम करने वाले श्रमिक चंदू ने बताया कि पहले 100 दिन की मजदूरी मिलती थी, लेकिन 'जी राम जी' बिल में 25 दिन बढ़ा दिए गए हैं। इससे घर-परिवार का पालन-पोषण अच्छे से किया जा सकेगा। पीएम मोदी और कृषि मंत्री का दिल से धन्यवाद।
पंकज ने बताया कि पहले मनरेगा में 100 दिनों का काम मिलता था, लेकिन सरकार ने इसमें संशोधन किया। अब नई योजना के तहत श्रमिकों को 125 दिनों की मजदूरी मिलेगी। इससे आय का स्रोत 25 दिन अधिक हो जाएगा। यहाँ के सभी श्रमिकों में खुशी देखने को मिल रही है, सभी पीएम मोदी और कृषि मंत्री का धन्यवाद कर रहे हैं।
विशाल ने बताया कि पहले 100 दिनों की मजदूरी मिलती थी, अब 125 दिनों की मजदूरी मिलेगी। इससे सुविधाएं बढ़ेंगी, हम बेहतर तरीके से रह सकेंगे और रहन-सहन सुधार जाएगा। पीएम मोदी को बहुत-बहुत बधाई और कृषि मंत्री को भी बहुत-बहुत बधाई।
'जी राम जी' बिल का उद्देश्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार व्यवस्था की पुरानी कमियों को दूर करना है।