क्या वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत तक बढ़ी।
- ग्रामीण मांग में रिकवरी महत्वपूर्ण है।
- आरबीआई ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाया।
- महंगाई दर का अनुमान घटा।
- दक्षिण एशिया की आर्थिक संभावनाएं उजागर हुईं।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को भारत के लिए वित्त वर्ष 26 के ग्रोथ अनुमान को 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके पीछे का कारण मजबूत घरेलू मांग, ग्रामीण मांग में रिकवरी और कर सुधारों का सकारात्मक प्रभाव है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इस वर्ष भी दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
वित्त वर्ष 26 में बांग्लादेश की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि भूटान के लिए हाइड्रोपावर कंस्ट्रक्शन में देरी के कारण अनुमान को घटाकर 7.3 प्रतिशत किया गया है। हालांकि, वित्त वर्ष 27 में निर्माण की गति बढ़ने पर इसमें सुधार की उम्मीद है।
इस बीच, वित्त वर्ष 26 में मालदीव का विकास दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि नेपाल में हाल की अशांति और बढ़ी हुई राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के कारण विकास दर घटकर 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसके अतिरिक्त, भारत के दक्षिण में स्थित श्रीलंका की विकास दर को वित्त वर्ष 26 में 3.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पर्यटन और सेवा निर्यात में मजबूती के कारण है।
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष जोहान्स जुट ने कहा, "दक्षिण एशिया में अपार आर्थिक क्षमताएं हैं और यह अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र है, लेकिन देशों को विकास के जोखिमों से सक्रिय रूप से निपटने की आवश्यकता है।"
आरबीआई ने अक्टूबर एमपीसी में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय गवर्नर ने यह भी कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 26 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त में 3.1 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है।