क्या बिहार चुनाव में बड़हरिया के कृषि, पलायन और रोजगार के मुद्दे प्रमुख रहेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- कृषि क्षेत्र का महत्व
- पलायन की चुनौतियाँ
- रोजगार की आवश्यकता
- स्थानीय राजनीति का प्रभाव
- समुदाय के जातीय समीकरण
पटना, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सिवान जिले में स्थित बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक पहचान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र मुख्य रूप से बड़हरिया और पचरुखी प्रखंडों के 23 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है और यहाँ की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है।
गंडक नदी की सहायक नदियों द्वारा सिंचित यह क्षेत्र गंगा के उपजाऊ मैदानों में फैला हुआ है, जहाँ आज भी कृषि आर्थिक आधार है। यहां के किसान धान, गेहूं और दलहन की फसलें उगाते हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग बेहतर रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं।
बड़हरिया का निकटतम रेलवे स्टेशन सिवान में है, जो लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके उत्तर में गोपालगंज 40 किमी और दक्षिण-पूर्व में छपरा 50 किमी की दूरी पर स्थित हैं, जबकि उत्तर प्रदेश की सीमा पर देवरिया (70 किमी) और बलिया (85 किमी) जैसे प्रमुख शहर हैं। राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 145 किलोमीटर दूर है।
हाल के वर्षों में, बड़हरिया में सड़क, बिजली और शिक्षा जैसी आधारभूत सुविधाओं में कुछ सुधार देखने को मिला है। हालांकि, रोजगार, पलायन और कृषि संकट आज भी प्रमुख समस्याएं बनी हुई हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में की गई थी। प्रारंभिक वर्षों में कांग्रेस का वर्चस्व था, जिसने 1951 से 1957 तक लगातार तीन बार जीत हासिल की। लेकिन 1957 के बाद राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया। इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने दो बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय जनसंघ ने एक-एक बार जीत दर्ज की।
1972 के विधानसभा चुनाव के बाद बड़हरिया सीट को समाप्त कर दिया गया और यह क्षेत्र लगभग तीन दशकों तक राजनीतिक नक्शे से गायब रहा। 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद यह सीट पुनः अस्तित्व में आई। इसके बाद 2010 में हुए चुनावों में जनता दल (यूनाइटेड) ने वापसी करते हुए इस सीट पर जीत हासिल की। जेडीयू ने 2010 और 2015, दोनों चुनावों में जीत दर्ज की। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जेडीयू को हराकर इस सीट को अपने कब्जे में ले लिया।
2024 में चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,29,497 है, जिसमें पुरुष 2,73,093 और महिलाएं 2,56,404 हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 3,15,304 है, जिसमें 1,65,202 पुरुष, 1,50,093 महिलाएं और 9 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। यहां के मतदाता मुख्यतः ग्रामीण और किसान वर्ग से हैं। जातीय समीकरणों में यादव, पासवान, राजभर, कुर्मी, मुस्लिम और सवर्ण वर्गों की उल्लेखनीय भागीदारी है।
बड़हरिया विधानसभा में कृषि, सिंचाई, सड़क, और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, रोजगार की तलाश में युवाओं का पलायन, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भी बड़ी चुनौतियां हैं।