क्या कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग पर पक्षपाती रवैया अपनाने के आरोप।
- मतदाता सूची के पुनरीक्षण में पारदर्शिता की कमी।
- राहुल गांधी का महिलाओं के लिए 10,000 रुपए योजना पर सवाल।
- ईवीएम और वीवीपीएटी में 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन की आवश्यकता।
- राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर।
पटना, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने चुनाव आयोग पर पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने विपक्ष की चिंताओं को नजरअंदाज किया है। मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में हिंदुओं के घरों पर मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज होने का हवाला देते हुए इसे 'वोट चोरी' की साजिश बताया।
मनोज कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में 7.30 करोड़ मतदाताओं के साथ 14 करोड़ जनसंख्या पर एसआईआर के बारे में कुछ नहीं कहा, जबकि उम्मीद थी कि आयोग पारदर्शिता पर चर्चा करेगा। उन्होंने आयोग की हालिया दो दिवसीय बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है, जब आयोग अन्य राज्यों में जाकर राजनीतिक दलों से बात करता है, लेकिन हमेशा अपनी बात थोपता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के पुराने बयान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब विपक्ष ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो देने की मांग की, तो उन्होंने महिलाओं-बेटियों की गोपनीयता का हवाला देकर इनकार कर दिया। लेकिन, यदि भाजपा ऐसी मांग करे, तो आयोग गंभीरता से कार्रवाई करता है।
उन्होंने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि हमारे नेता लोकतंत्र की रक्षा चाहते हैं, जहां कोई धोखाधड़ी न हो। जीतने वाले को जिताया जाए, हारने वाले को नहीं। उन्होंने बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपए देने की योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी ने पूछा था कि पूरे देश में महिलाओं को यह राशि क्यों नहीं दी जा रही, केवल बिहार में क्यों? आयोग को इस पर सख्ती करनी चाहिए, क्योंकि यह वोट खरीदने की कोशिश है।
ईवीएम और वीवीपीएटी की गिनती पर उन्होंने कहा कि इसमें उतार-चढ़ाव होता है, इसलिए 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन आवश्यक है। उन्होंने एनडीए के '2005 से पहले का बिहार नहीं' वाले बयान पर पलटवार किया। तेजस्वी यादव ने निष्पक्ष चुनाव की मांग की, तो भाजपा बवाल मचा रही है। यह मुद्दों से भटकाने की साजिश है।