क्या जीतन राम मांझी ने एनडीए एकता पर जोर दिया और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री मानते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- जीतन राम मांझी ने एनडीए की एकता को महत्वपूर्ण बताया।
- उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा व्यक्त की।
- 15 सीटों की मांग की, लेकिन एकता को प्राथमिकता दी।
- बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित हुईं।
- पहला चरण 6 नवंबर को होगा।
पटना, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की योजना को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी शुक्रवार को पटना आए। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में सीट बंटवारे पर निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने का दावा किया।
जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि उनकी ओर से नाराजगी नहीं है, बल्कि प्रार्थना है कि एनडीए मजबूत रहे। सभी सहयोगी चाहते हैं कि एनडीए की सरकार बने और बिहार में फिर से 'जंगल राज' न लौटे। इसके लिए वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमारी पार्टी की पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक है, जिसमें हम जा रहे हैं। इसमें फैसला होगा। हमारी नाराजगी नहीं है, बल्कि प्रार्थना है और आज भी प्रार्थना है। जहां तक सरकार का सवाल है, सभी लोग चाहते हैं कि एनडीए की सरकार बने और फिर से जंगल राज ना आए। इसके लिए सभी लोग नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।"
यह बयान बिहार चुनावी हलकों में एनडीए के सीट बंटवारे पर मचे घमासान के बीच आया है। मांझी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी पार्टी के लिए 15 सीटों की मांग का जिक्र किया, लेकिन जोर दिया कि एकता सर्वोपरि है।
हाल ही में मांझी ने चेतावनी दी थी कि यदि 15 सीटें नहीं मिलीं, तो उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन एनडीए को समर्थन देगी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। आयोग ने प्रदेश की सभी 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान कराने का निर्णय लिया है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को प्रस्तावित है। वहीं 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी।